नई दिल्ली/नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम आश्रम इस वर्ष भी 15 जून को अपने स्थापना दिवस के अवसर पर श्रद्धालुओं से गुलजार होने वाला है। हर साल इस दिन यहां बाबा नीम करौली महाराज के भक्त दूर-दराज से बड़ी संख्या में दर्शन करने और आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। इस बार 15 जून रविवार को मेले का आयोजन होगा, जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं।
ट्रैफिक प्लान तैयार, भारी भीड़ की संभावना
स्थापना दिवस के मौके पर भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक जाम से बचाव के लिए विशेष योजना तैयार की है। खासतौर पर हल्द्वानी से भीमताल और भवाली रूट पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस चुनौती को देखते हुए आरटीओ प्रवर्तन अधिकारी डॉ. गुरदेव सिंह, रोडवेज अधिकारियों और केमू प्रबंधन ने बैठक कर व्यवस्थाएं तय की हैं।
कौन थे नीम करौली बाबा?
नीम करौली बाबा 20वीं शताब्दी के महान संतों में माने जाते हैं। वे भगवान हनुमान के परम भक्त थे और उनके अनुयायी उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं। बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में 1900 के आसपास हुआ था। 11 वर्ष की आयु में उनका विवाह हुआ, लेकिन जल्द ही उन्होंने गृहस्थ जीवन छोड़ तपस्वी जीवन अपना लिया। हालांकि पिता के कहने पर वे एक समय वापस लौटे और बाद में दो पुत्रों और एक पुत्री के पिता बने। वर्ष 1958 में उन्होंने हमेशा के लिए घर त्याग कर संन्यास ग्रहण किया।
कैसे पहुंचे कैंची धाम?
दिल्ली से यात्रा की शुरुआत आप कश्मीरी गेट बस स्टैंड से कर सकते हैं। कैंची धाम, नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो कैंची धाम से 38 किमी दूर है।
- बस मार्ग: दिल्ली से नैनीताल तक बस सेवा उपलब्ध है, जिसके टिकट की कीमत ₹350 से ₹800 के बीच होती है।
- टैक्सी: नैनीताल से कैंची धाम तक टैक्सी ₹150 से ₹300 तक में उपलब्ध होती है।
- रहने की व्यवस्था: कैंची धाम स्थित नीम करौली बाबा आश्रम में ₹200 प्रतिदिन की दर से कमरे उपलब्ध होते हैं।
सस्ती और आत्मिक यात्रा
इस यात्रा को आप बहुत ही कम खर्चे में पूरा कर सकते हैं। श्रद्धालुओं के लिए यह न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव होता है, बल्कि बाबा के आश्रम में बिताया गया समय एक दिव्य ऊर्जा से भर देता है। हर साल की तरह इस वर्ष भी 15 जून को कैंची धाम में स्थापना दिवस का आयोजन श्रद्धा, भक्ति और व्यवस्था के साथ होगा। यदि आप बाबा नीम करौली के दर्शन करना चाहते हैं, तो समय रहते योजना बना लें, क्योंकि यह एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में नहीं, केवल हृदय में महसूस किया जा सकता है।