वॉशिंगटन: अमेरिका में भारतीय मूल के कश्यप ‘कश’ पटेल को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एफबीआई निदेशक के पद के लिए नामित किया है। सीनेट न्यायिक समिति की सुनवाई के दौरान उन्होंने अपने भारतीय मूल और सांस्कृतिक जड़ों का सम्मान करते हुए “जय श्री कृष्ण” के साथ अपने परिवार का अभिवादन किया और माता-पिता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। इस भावुक पल ने उनकी गहरी पारिवारिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को उजागर किया।
परिवार का किया सम्मान, भारतीय जड़ों पर जताया गर्व
सुनवाई के दौरान पटेल ने अपने परिवार को विशेष रूप से सम्मान दिया, जिन्होंने भारत से आकर उनका समर्थन किया। गुजराती मूल के पटेल का परिवार पहले युगांडा और तंजानिया में रहा और बाद में अमेरिका में बस गया। उन्होंने अपने माता-पिता के संघर्ष और मार्गदर्शन को अपने सफर की सबसे अहम वजह बताया।
“परिवार और न्याय की रक्षा मेरा संकल्प” – कश पटेल
पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी इस उपलब्धि में सिर्फ उनका ही नहीं, बल्कि उनके परिवार का त्याग और लाखों अमेरिकियों का समर्थन शामिल है, जो न्याय और कानून के शासन को मजबूत करना चाहते हैं।
कानूनी और राष्ट्रीय सुरक्षा में अहम भूमिका
कश पटेल का करियर एक सार्वजनिक रक्षक (पब्लिक डिफेंडर) से लेकर आतंकवाद मामलों के अभियोजक (टेररिज्म प्रॉसिक्यूटर) और ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर) तक फैला है। वह उस टीम का भी हिस्सा रहे जिसने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच के दौरान एफबीआई की कार्यशैली की आलोचना करने वाला एक विवादास्पद मेमो तैयार किया था।
पहले भारतीय-अमेरिकी और पहले हिंदू एफबीआई निदेशक बनने की राह पर
यदि उनकी नियुक्ति पर मुहर लगती है, तो पटेल एफबीआई का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और पहले हिंदू निदेशक होंगे। उनकी न्याय विभाग (DOJ) और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में वर्षों की सेवा इस बात को दर्शाती है कि वे कानून प्रवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में गहरी पकड़ रखते हैं।
एफबीआई में सुधार का है संकल्प
पटेल ने इस बात पर जोर दिया कि एफबीआई के कुछ परिचालन पहलुओं में सुधार की आवश्यकता है, और यदि उन्हें यह जिम्मेदारी दी जाती है, तो वे संस्थान को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में काम करेंगे।
भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण
पटेल की इस उपलब्धि पर अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय में उत्साह की लहर है। उनकी भारतीय परंपराओं और मूल्यों के प्रति आस्था और अमेरिकी न्याय प्रणाली में योगदान दोनों ही उन्हें एक विशिष्ट पहचान देते हैं। अब पूरी दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या सीनेट उनकी नियुक्ति को हरी झंडी देती है और अमेरिका को एक नया, ऐतिहासिक एफबीआई निदेशक मिलता है।