KIIT Suicide Case: नेपाल की विदेश मंत्री ने की निष्पक्ष जांच की मांग, ओडिशा सरकार ने दिए सख्त कदम उठाने के आदेश

KIIT Suicide Case: नेपाल की विदेश मंत्री ने की निष्पक्ष जांच की मांग, ओडिशा सरकार ने दिए सख्त कदम उठाने के आदेश
KIIT Suicide Case: नेपाल की विदेश मंत्री ने की निष्पक्ष जांच की मांग, ओडिशा सरकार ने दिए सख्त कदम उठाने के आदेश

भुवनेश्वर: ओडिशा के कैलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में नेपाल की छात्रा प्रकृति लाम्साल की संदिग्ध आत्महत्या के बाद मामला तूल पकड़ चुका है। नेपाल सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारत से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

नेपाल की विदेश मंत्री अर्जु राणा देउबा ने ओडिशा के शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सुरज से फोन पर बात कर मामले की निष्पक्ष जांच कराने का अनुरोध किया। उन्होंने नेपाल के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें शांतिपूर्ण माहौल में पढ़ाई जारी रखने की व्यवस्था करने की भी मांग की।

ओडिशा सरकार ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश

ओडिशा के शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सुरज ने देउबा को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रही है और एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है।

गौरतलब है कि 20 वर्षीय प्रकृति लाम्साल, जो KIIT में बी.टेक (कंप्यूटर साइंस) की तीसरे वर्ष की छात्रा थीं, उन्होनें 16 फरवरी को अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

नेपाल के छात्रों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम

इस घटना के बाद करीब 95 नेपाली छात्रों को कथित रूप से विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया, जिसके बाद वे नेपाल लौट गए। हालांकि, ओडिशा सरकार ने आश्वासन दिया कि नेपाल के सभी छात्रों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी राज्य प्रशासन उठाएगा। KIIT में फिलहाल करीब 1,000 नेपाली छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।

भारत में नेपाल दूतावास ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ओडिशा सरकार ने छात्रों की सुरक्षा और सहायता के लिए 24×7 हेल्प डेस्क स्थापित किया है। इस हेल्प डेस्क के जरिए छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही उनके शैक्षणिक हितों की रक्षा की जाएगी।

ओडिशा के उच्च शिक्षा विभाग ने IAS अधिकारी काली प्रसन्न मोहापात्रा को इस मामले का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, जबकि राजत मानसिंह को डिप्टी डायरेक्टर बनाया गया है। हेल्प डेस्क में कुल नौ कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जो चौबीसों घंटे काम करेंगे।

KIIT ने मांगी माफी, छात्रवृत्ति देने का किया ऐलान

KIIT विश्वविद्यालय को इस मामले में भारी आलोचना का सामना करना पड़ा, खासकर नेपाल के छात्रों को बाहर निकाले जाने के आरोपों के बाद। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आधिकारिक रूप से माफी मांगी।

KIIT के वाइस चांसलर प्रो. सरनजीत सिंह ने एक बयान जारी कर कहा, “हम प्रकृति लाम्साल की दुखद मृत्यु से बेहद व्यथित हैं। यह विश्वविद्यालय के लिए गहरा आघात है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दो अधिकारियों द्वारा दिए गए गैर-जिम्मेदाराना बयानों का विश्वविद्यालय से कोई संबंध नहीं है और उन्हें पद से हटा दिया गया है। विश्वविद्यालय ने नेपाल के छात्रों और वहां की जनता से माफी मांगते हुए छात्रों को जल्द से जल्द कक्षाएं फिर से शुरू करने की अपील की।

इसके अलावा, KIIT ने प्रकृति लाम्साल की याद में एक छात्रवृत्ति शुरू करने का ऐलान किया है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को आगे की पढ़ाई में मदद मिल सकेगी।

नेपाल और भारत के रिश्तों पर असर?

यह घटना भारत और नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों पर भी असर डाल सकती है। नेपाल सरकार और वहां की जनता इस मामले को लेकर गंभीर चिंता जता रही है

अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि ओडिशा सरकार की जांच कमेटी क्या निष्कर्ष निकालती है और नेपाल के छात्रों की सुरक्षा को लेकर क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।

Digikhabar Editorial Team
DigiKhabar.in हिंदी ख़बरों का प्रामाणिक एवं विश्वसनीय माध्यम है जिसका ध्येय है "केवलं सत्यम" मतलब केवल सच सच्चाई से समझौता न करना ही हमारा मंत्र है और निष्पक्ष पत्रकारिता हमारा उद्देश्य.