पटना: लैंड फॉर जॉब्स मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। उन्हें बुधवार, 19 मार्च को पटना में पेश होने को कहा गया है।
परिवार पर भी शिकंजा
लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव और पत्नी राबड़ी देवी को भी सोमवार, 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया। उनका बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज किया जाएगा। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के पेश होने की संभावना कम है।
CBI की जांच और केस का विवरण
29 मई 2023 को अदालत ने CBI को इस मामले में कनक्लूसिव चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके समय मिलने के बाद भी चार्जशीट दाखिल न करने पर कोर्ट ने असंतोष जताया।
4 अक्टूबर 2023 को लालू प्रसाद यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और अन्य को जमानत मिल गई थी। CBI ने इस मामले में 17 आरोपियों के खिलाफ दूसरी चार्जशीट दायर की थी, जिसमें लालू यादव के अलावा उनके परिवार के सदस्य, रेलवे के पूर्व अधिकारी और निजी कंपनियां भी शामिल हैं।
क्या है लैंड फॉर जॉब्स स्कैम?
CBI ने 18 मई 2022 को इस मामले में केस दर्ज किया था। आरोप है कि 2004-2009 के बीच, जब लालू प्रसाद यादव रेलवे मंत्री थे, उन्होंने रेलवे में ग्रुप डी पदों पर लोगों को नौकरी देने के बदले में जमीन की रिश्वत ली।
यह भी आरोप है कि बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई। इसके बदले में पटना में स्थित जमीनों को लालू यादव के परिवार के नाम पर गिफ्ट या बेच दिया गया।
इन नियुक्तियों में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जैसे रेलवे जोन शामिल थे। CBI ने इस मामले में दिल्ली और बिहार समेत कई जगहों पर छापेमारी भी की।
क्या होगा आगे?
ED द्वारा पूछताछ के बाद इस केस में नई जानकारियां सामने आ सकती हैं। लालू यादव और उनके परिवार की कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं, विपक्ष इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रहा है। अब देखना होगा कि जांच एजेंसियां आगे क्या कदम उठाती हैं।