नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को लेकर मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी ने कड़ी टिप्पणी की है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (AIMJ) के अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी ने शमी की आलोचना करते हुए कहा कि रमजान के महीने में रोज़ा न रखने और पानी पीने को अपराध करार दिया। यह बयान एक वीडियो संदेश के जरिए एएनआई ने जारी किया, जिसमें मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा कि दुबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल के दौरान शमी को पानी पीते हुए देखा गया।
मौलाना शाहबुद्दीन ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा, “रोज़ा न रखना एक अपराध है। शारीयत की नजर में वह अपराधी हैं। उन्हें इस पर जवाब देना होगा।” उन्होंने रमजान के महीने में रोज़ा न रखने को एक गंभीर अपराध मानते हुए यह भी कहा कि जो व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ है और फिर भी रोज़ा नहीं रखता, उसे बड़ा अपराधी माना जाएगा।
इस पर शमी के भाई मोहम्मद जैद ने मीडिया से बातचीत में मौलाना को जवाब दिया और कहा कि यात्रा पर होने के कारण शमी को रोज़ा छोड़ने की अनुमति है। उन्होंने कहा, “शमी एक मैच के लिए यात्रा कर रहे थे और इस कारण वह रोज़ा नहीं रख पाए।”
यह विवाद 4 मार्च को भारत के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल जीतने के बाद उभरा, जिसमें शमी ने शानदार प्रदर्शन किया और टूर्नामेंट के शीर्ष विकेट लेने वाले खिलाड़ी के रूप में उभरे। हालांकि, धार्मिक विवाद के बावजूद, शमी के समर्थन में सोशल मीडिया पर कई लोग उतरे और उन्होंने शमी की देशसेवा को प्राथमिकता देते हुए खेल में शारीरिक फिटनेस और प्रदर्शन को महत्वपूर्ण बताया। समर्थकों का कहना है कि खिलाड़ियों को अपनी धार्मिक प्रथाओं को निभाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, खासकर जब वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हों।