
मेलबर्न, 30 दिसंबर 2024: भारतीय क्रिकेट में एक और सितारा उभरा है। नितीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर चल रहे चौथे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शतक लगाकर इतिहास रच दिया। 21 वर्षीय रेड्डी ने स्कॉट बोलैंड की गेंद पर चौका मारकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा किया। यह शतक भारतीय क्रिकेट के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि रेड्डी ऑस्ट्रेलिया में नंबर 8 पर बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं।
मेलबर्न में लगभग 80,000 दर्शकों की भीड़ के बीच नितीश रेड्डी के शतक पर जबर्दस्त तालियां बजीं। रेड्डी ने अपनी पारी पूरी करने के बाद आकाश की ओर अनोखा सलाम किया, जबकि उनके पिता, जो स्टेडियम में मौजूद थे, अन्य भारतीय प्रशंसकों के साथ मिलकर इस अद्भुत उपलब्धि का जश्न मना रहे थे।
प्रारंभिक आलोचनाओं के बाद शानदार प्रदर्शन
रेड्डी का ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चयन आलोचनाओं से घिरा था, खासकर जब उन्हें पर्थ में डेब्यू का मौका मिला था। हालांकि, उन्होंने गेंदबाजी में नियमित योगदान दिया, लेकिन चौथे सीमर के रूप में विकेट न लेने पर उनकी आलोचना की गई। इसके बावजूद, मुख्य कोच गौतम गंभीर का समर्थन मिलने के बाद रेड्डी ने आलोचकों को खामोश कर दिया और अपनी कड़ी मेहनत और जुझारू बल्लेबाजी से साबित कर दिया कि वह टीम में अपनी जगह बनाने के हकदार हैं।
रेड्डी ने तीसरे दिन वाशिंगटन सुंदर के साथ 100 रन से अधिक की महत्वपूर्ण साझेदारी की, जो भारत को फॉलोऑन से बचाने में मददगार साबित हुई और भारत की मैच में वापसी की उम्मीदें भी जिंदा रखीं।
रिकॉर्ड्स की झड़ी
रेड्डी की पारी में केवल साहस और तकनीकी दक्षता नहीं थी, बल्कि उन्होंने कई रिकॉर्ड्स भी तोड़े। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भारत के लिए नंबर 8 या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए सर्वोच्च स्कोर का रिकॉर्ड तोड़ा। इससे पहले यह रिकॉर्ड अनिल कुंबले के पास था, जिन्होंने 2008 में एडिलेड टेस्ट में 87 रन बनाए थे। रेड्डी ने अपनी पारी में 105 रन बनाकर कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ा।
इसके अलावा, रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज बनने का गौरव भी प्राप्त किया। इस सूची में सबसे पहले सचिन तेंदुलकर (18 साल 256 दिन) और फिर रिषभ पंत (21 साल 92 दिन) थे, और अब रेड्डी (21 साल 216 दिन) इस कड़ी में शामिल हो गए हैं।
भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया में नंबर 8 या उससे नीचे सर्वोच्च स्कोर:
• 105 – नितीश कुमार रेड्डी (मेलबर्न, 2024)*
• 87 – अनिल कुंबले (एडिलेड, 2008)
• 81 – रविंद्र जडेजा (सिडनी, 2019)
आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा
नितीश कुमार रेड्डी की यह पारी न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत और लगन हो, तो किसी भी परिस्थिति में सफलता पाई जा सकती है। उन्होंने आलोचनाओं को ताकत बना कर अपनी बल्लेबाजी से सबको चुप करा दिया। रेड्डी का यह शतक भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और उनका भविष्य बेहद उज्जवल नजर आता है।