नेहाल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार, भारत को बड़ी सफलता, PNB घोटाले में वांछित था भगोड़े नीरव मोदी का भाई

नेहाल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार, भारत को बड़ी सफलता, PNB घोटाले में वांछित था भगोड़े नीरव मोदी का भाई
नेहाल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार, भारत को बड़ी सफलता, PNB घोटाले में वांछित था भगोड़े नीरव मोदी का भाई

नई दिल्ली: भारत को बहुचर्चित पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के सिलसिले में एक बड़ी कामयाबी मिली है। नीरव मोदी के भाई नेहाल मोदी को अमेरिकी अधिकारियों ने 4 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया है। अमेरिकी न्याय विभाग (US DOJ) ने भारत सरकार को इस गिरफ्तारी की जानकारी दी है। यह गिरफ्तारी भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा संयुक्त रूप से दायर प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई है।

क्या हैं आरोप?

अमेरिका में दाखिल की गई शिकायत के अनुसार, नेहाल मोदी के खिलाफ दो गंभीर आरोपों पर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की गई है:

  • धनशोधन (Money Laundering) – मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 3 के तहत
  • आपराधिक साजिश और साक्ष्य मिटाने की साजिश – भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं 120-बी और 201 के तहत

PNB घोटाले में अहम भूमिका

नेहाल मोदी, भारत के अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक, PNB घोटाले का मुख्य आरोपी है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, उसने अपने भाई नीरव मोदी को अपराध की आय को छुपाने और विदेशों में स्थानांतरित करने में सक्रिय सहयोग किया। ED और CBI की जांच से यह भी पता चला है कि नेहाल ने कई शेल कंपनियों और विदेशी वित्तीय नेटवर्क के माध्यम से अवैध धन को इधर-उधर किया।

अगली सुनवाई 17 जुलाई को

प्रत्यर्पण मामले में अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को होनी तय है। इस सुनवाई में स्थिति समीक्षा (Status Conference) की जाएगी। माना जा रहा है कि नेहाल मोदी जमानत के लिए याचिका दायर करेगा, जिसे अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने पहले ही विरोध करने की बात कही है।

रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी

भारत की ओर से नेहाल मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है। यह गिरफ्तारी भारत की अंतरराष्ट्रीय दबाव रणनीति और मजबूत कानूनी प्रयासों का नतीजा मानी जा रही है।

नीरव मोदी का क्या हुआ?

गौरतलब है कि नीरव मोदी खुद भी ब्रिटेन में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है। वह लंदन की जेल में बंद है और भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। यह गिरफ्तारी PNB घोटाले की जांच में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है और भारत सरकार को भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती देने में सहायता मिलेगी।