नई दिल्ली: राज्यसभा में गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन के बीच तीखी बहस हुई। जया बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री की अनदेखी का आरोप लगाया, तो वित्त मंत्री ने पलटवार करते हुए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के कार्यकाल की घटनाओं का जिक्र किया और कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान उनकी ही सहयोगी पार्टी की सरकार ने पहुंचाया।
कंगना रनौत के दफ्तर तोड़ने का मुद्दा उठा
निर्मला सीतारमण ने 2020 में अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई स्थित कार्यालय को ध्वस्त किए जाने का मुद्दा उठाया और कहा,
“MVA सरकार, जो उनकी (जया बच्चन) सहयोगी थी, उन्होंने सितंबर 2020 में कंगना रनौत को धमकाया और सिर्फ 24 घंटे के नोटिस पर उनका दफ्तर तोड़ दिया। आखिरकार, बॉम्बे हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा।”
उन्होंने कहा कि जया बच्चन को अपनी सहयोगी पार्टियों से पूछना चाहिए कि वे फिल्म इंडस्ट्री की कितनी परवाह करते हैं।
फिल्म इंडस्ट्री के ऐतिहासिक अन्यायों का भी जिक्र
सीतारमण ने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े पुराने मामलों को भी उठाया और कहा,
“मुझे यह याद दिलाने की जरूरत नहीं कि कैसे लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर को ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया क्योंकि वे कांग्रेस को खुश करने के लिए गाने नहीं बना रहे थे।“
उन्होंने आगे कहा कि:
- 1949 में गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी को जेल में डाला गया था।
- आपातकाल का समर्थन न करने पर अभिनेता देव आनंद को धमकियां दी गई थीं।
- गायक किशोर कुमार को भी जेल भेजा गया था।
जया बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री पर जताई चिंता
इससे पहले जया बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री को सरकार से “दया” दिखाने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि बढ़ती लागत और घटते दर्शकों के कारण सिंगल-स्क्रीन थिएटर बंद हो रहे हैं।
“शायद आप इस इंडस्ट्री को पूरी तरह खत्म करना चाहते हैं,” उन्होंने कहा।
एंटरटेनमेंट टैक्स को लेकर सफाई
वित्त मंत्री सीतारमण ने जया बच्चन की मनोरंजन कर (एंटरटेनमेंट टैक्स) को लेकर की गई टिप्पणी पर जवाब दिया और स्पष्ट किया कि,
“केंद्र सरकार कोई मनोरंजन कर नहीं लगाती। यह पहले राज्य सरकारों द्वारा लिया जाता था, लेकिन अब इसे GST में समाहित कर दिया गया है। राज्य सरकारें अभी भी अपने स्तर पर मनोरंजन कर से जुड़े कानून बना सकती हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि GST के तहत सिनेमा टिकटों पर कर की दरें घटाई गई हैं:
- ₹100 से अधिक कीमत वाले टिकटों पर अब सिर्फ 18% GST लगता है, जो पहले 28% था।
- ₹100 से कम कीमत वाले टिकटों पर 12% GST लगाया जाता है, जो पहले 18% था।
ओटीटी की बढ़ती लोकप्रियता का दिया उदाहरण
सीतारमण ने इस दावे को भी खारिज कर दिया कि महंगे टिकटों के कारण लोग फिल्में नहीं देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म का विकास भारतीय मनोरंजन इंडस्ट्री के लिए गेम-चेंजर साबित हो रहा है।
उन्होंने डिज़्नी+ हॉटस्टार, नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम का उदाहरण देते हुए कहा:
- डिज़्नी+ हॉटस्टार के 400 मिलियन (40 करोड़) एक्टिव यूजर्स हैं।
- नेटफ्लिक्स के 3 मिलियन (30 लाख) पेड सब्सक्राइबर्स हैं।
- अमेज़न प्राइम वीडियो के 4.4 मिलियन (44 लाख) पेड सब्सक्राइबर्स हैं।
उन्होंने कहा कि EY रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ओटीटी बाजार 2030 तक 12.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा, जिसमें 448 मिलियन (44.8 करोड़) ओटीटी दर्शक होंगे। यह चीन के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा बाजार होगा।
निष्कर्ष
राज्यसभा में यह बहस दिखाती है कि फिल्म इंडस्ट्री को लेकर सरकार और विपक्ष के विचार अलग-अलग हैं। जहां जया बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री के लिए राहत की मांग की, वहीं वित्त मंत्री सीतारमण ने सरकारी नीतियों और ऐतिहासिक संदर्भों के जरिए विपक्ष पर निशाना साधा।