पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश और चिंता का माहौल है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। मृतकों में यूएई और नेपाल के दो विदेशी नागरिकों के साथ-साथ दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं। कई अन्य लोग घायल हुए हैं। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने-अपने विदेश दौरे समय से पहले समाप्त कर भारत लौटने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचते ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ एक आपात बैठक की। उन्होंने हालात की समीक्षा करते हुए कहा, “इस भयावह हमले को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक मंसूबा कभी कामयाब नहीं होगा। आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।”
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह से इस घटना पर बातचीत की। खरगे ने कहा कि इस हमले के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और निर्दोष लोगों को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करने की मांग की।
राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक कर्रा से भी बातचीत की और पीड़ित परिवारों को पूर्ण सहयोग देने की बात कही। उन्होंने इस हमले को “कायराना” और “दिल तोड़ने वाला” बताया।
कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार हालात सामान्य होने के खोखले दावों की बजाय जवाबदेही ले।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने राज्य के श्रम मंत्री संतोष लाड को तत्काल पहलगाम भेजा है ताकि वहां फंसे कन्नड़ नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके।
उधर, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने भी अमित शाह से चर्चा की और हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए चार विशेष उड़ानों की व्यवस्था की गई है, जबकि अतिरिक्त उड़ानें भी तैयार रखी गई हैं। नायडू ने एयरलाइनों को किराया बढ़ाने से भी सख्त रूप में मना किया है।
हमले के बाद घाटी में सुरक्षा और राहत कार्यों को लेकर केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर गतिविधियां तेज हो गई हैं। जनता और राजनीतिक दलों की नजर अब सरकार की कार्रवाई और जवाबदेही पर टिकी हुई है।