पोर्ट लुइस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन” से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल द्वारा प्रदान किया गया, जो दोनों देशों के गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।
“यह 1.4 अरब भारतीयों का सम्मान”
सम्मान स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह केवल मेरा नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और मॉरीशस के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। यह क्षेत्रीय शांति, समृद्धि, सुरक्षा और सतत विकास के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
यह पहली बार है जब किसी भारतीय नेता को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय दौरे पर मॉरीशस पहुंचे थे, जहां उन्हें मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने आमंत्रित किया था। इस दौरे को भारत-मॉरीशस के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला कदम माना जा रहा है।
रणनीतिक साझेदारी में हुआ बड़ा विस्तार
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस दौरे की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भारत और मॉरीशस के संबंधों को अब रणनीतिक साझेदारी का दर्जा मिल चुका है। यह पहली बार है कि भारत ने अपने किसी पड़ोसी देश के साथ इतनी गहरी साझेदारी स्थापित की है।”
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच 8 अहम समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए। साथ ही, भारत ने मॉरीशस में नए संसद भवन के निर्माण में सहायता देने की घोषणा भी की।
“मॉरीशस, हिंद महासागर में भारत का अहम साझेदार”
अपने विदाई संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और मॉरीशस के गहरे संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा, “मॉरीशस न केवल हमारा समुद्री पड़ोसी है, बल्कि हिंद महासागर में भारत का एक महत्वपूर्ण भागीदार भी है। यह अफ्रीकी महाद्वीप का प्रवेश द्वार है। हमारे संबंध इतिहास, भूगोल और संस्कृति से जुड़े हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “लोकतंत्र में साझा आस्था, विविधता का सम्मान और गहरा आपसी विश्वास हमारे रिश्तों की सबसे बड़ी ताकत है। लोगों के बीच का ऐतिहासिक जुड़ाव हमारी साझा विरासत और गौरव का हिस्सा है।”
भारत-मॉरीशस संबंधों में नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को भारत-मॉरीशस संबंधों में एक नया अध्याय माना जा रहा है। मॉरीशस में भारतीय समुदाय की मजबूत उपस्थिति और ऐतिहासिक रूप से गहरे संबंधों के चलते दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक सहयोग के और मजबूत होने की उम्मीद है।