
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। यह यात्रा 40 साल बाद हो रही है, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत का दौरा करेगा। आखिरी बार 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कुवैत गई थीं।
कुवैत के शीर्ष नेताओं से बैठकें
प्रधानमंत्री मोदी को कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह ने आमंत्रित किया है। मोदी की यात्रा के दौरान कुवैत के शीर्ष नेतृत्व से बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। इन बैठकों का उद्देश्य व्यापार, निवेश, ऊर्जा, संस्कृति और सामुदायिक संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत और कुवैत के रिश्तों को और मजबूत करना है।
भारतीय श्रमिकों से मुलाकात और भारतीय समुदाय से संवाद
प्रधानमंत्री मोदी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत कुवैत में काम करने वाले भारतीय श्रमिकों के आवास वाले श्रमिक शिविर का दौरा करेंगे। इसके अलावा, वह ‘हला मोदी’ कार्यक्रम में शेख साद अल अब्दुल्ला स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। वह गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे।
विदेश मंत्रालय ने कुवैत के रिश्तों के बारे में क्या कहा
विदेश मंत्रालय का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और कुवैत के रिश्तों में एक नया अध्याय खोलेगी। प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच मौजूदा साझेदारी को और मजबूत करने के साथ-साथ नए सहयोग के अवसर भी मिलेंगे। इसके साथ ही, द्विपक्षीय निवेश संधि और रक्षा सहयोग समझौते पर चर्चा की जाएगी।
GCC के साथ रिश्तों को और मजबूत करने का मौका
अरुण कुमार चटर्जी ने इस यात्रा के दौरान भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के रिश्तों को मजबूत करने के भी अच्छे अवसर होने की बात की। GCC में यूएई, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं, और कुवैत इस समय GCC का अध्यक्ष है। GCC क्षेत्रीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में मजबूत संबंध
भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक रिश्ते बहुत मजबूत हो गए हैं। 2023-24 में भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.47 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय निर्यात कुवैत को बढ़कर 2.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 34.7% की वृद्धि को दर्शाता है। कुवैत भारत का एक अहम ऊर्जा साझीदार भी है, जो भारत की कच्चे तेल की 3% जरूरतों को पूरा करता है। इसके साथ ही, कुवैत निवेश प्राधिकरण ने भारत में 10 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करने के साथ-साथ न केवल व्यापार, बल्कि ऊर्जा और सामुदायिक संबंधों में भी महत्वपूर्ण योगदान करेगी।