नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है और इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी बात कही। उन्होंने विदेशी ताकतों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार किसी ने भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की। पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से यह पहला मौका है जब सत्र शुरू होने से पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं भड़की और न ही कोई बाहर बैठकर आग लगाने की कोशिश कर रहा है।
विदेशी साजिश पर पीएम मोदी का करारा वार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर बजट सत्र से पहले भारत को अस्थिर करने की कोशिश की जाती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “2014 से अब तक मैं देख रहा हूं कि हर सत्र से पहले कुछ लोग शरारत करने के लिए तैयार बैठे रहते हैं। लेकिन यह पहला ऐसा सत्र है जब कोई विदेशी चिंगारी नहीं दिख रही है।”
विपक्ष को भी दिया करारा जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों पर भी इशारों-इशारों में तंज कसा। उन्होंने कहा कि विदेशी साजिशों को हवा देने वालों की भी कोई कमी नहीं थी। लेकिन इस बार ऐसा कोई माहौल नहीं बना। उन्होंने कहा कि यह बजट सत्र ऐतिहासिक होने वाला है और ‘विकसित भारत’ की दिशा में एक और मजबूत कदम होगा।
‘मां लक्ष्मी की कृपा गरीबों और मध्यम वर्ग पर बनी रहे’
पीएम मोदी ने कहा कि बजट सत्र का उद्देश्य देश के हर वर्ग के लिए विकास के नए रास्ते खोलना है। उन्होंने मां लक्ष्मी से प्रार्थना करते हुए कहा कि उनकी कृपा गरीबों और मध्यम वर्ग पर बनी रहे। उन्होंने कहा, “हमारा यह बजट सत्र ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में नया आत्मविश्वास और ऊर्जा देगा।”
बजट सत्र में ऐतिहासिक फैसलों की उम्मीद
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इस सत्र में कई ऐतिहासिक विधेयकों पर चर्चा होगी। खासकर महिला सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों पर विशेष मंथन किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह सत्र नारी शक्ति के गौरव को पुनः स्थापित करने वाला होगा।”
‘विकसित भारत की ओर हम’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्प लिया गया है, यह बजट सत्र उसमें नई ऊर्जा भरेगा। उन्होंने कहा, “यह तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा। मैं विश्वास से कह सकता हूं कि यह बजट नया आत्मविश्वास पैदा करेगा और देश को आर्थिक और सामाजिक रूप से और मजबूत बनाएगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान इस ओर इशारा करता है कि सरकार इस बजट सत्र को बेहद खास बनाने की तैयारी में है। विदेशी साजिशों और विपक्ष के हमलों के बावजूद सरकार आत्मविश्वास से भरी हुई है और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। अब सबकी नजरें बजट पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि आने वाले सालों में भारत की अर्थव्यवस्था किस दिशा में जाएगी।