भारतीय स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) के प्रोफेसर और अर्थशास्त्री डॉ. प्रसन्ना तंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल की सराहना करते हुए इसे शासन में बुनियादी मुद्दों को हल करने वाला बताया है। हालांकि, उन्होंने 2019 के बाद से सुधारों की गति धीमी पड़ने पर निराशा व्यक्त की।
एक दशक के आर्थिक विकास का बात करते हुए डॉ. तंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कई बुनियादी समस्याओं को हल किया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) को सरकार की एक प्रमुख उपलब्धि बताया। तंत्री ने कहा, “PMJDY से पहले, देश की 50% आबादी के पास बैंक खाता नहीं था। बिना बैंक खाते के किसी भी प्रकार की सरकारी योजना का लाभ देना बेहद मुश्किल था। लेकिन इस योजना ने करोड़ों लोगों को बैंकिंग से जोड़ा।”
उन्होंने इस योजना की सफलता के पीछे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की सक्रियता को श्रेय दिया। “PMO ने हर बैंक को एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए, जो सीधे PMO से जुड़े होते थे। ये अधिकारी हर सप्ताह प्रगति की रिपोर्ट देते थे, जिससे योजना का प्रभावी क्रियान्वयन संभव हुआ।”
आधार और स्वच्छ भारत अभियान की उपलब्धियां
डॉ. तंत्री ने आधार को भी एक महत्वपूर्ण बदलाव का माध्यम बताया, जिसे मोदी सरकार ने बड़े पैमाने पर लागू किया। उन्होंने कहा, “आधार की परिकल्पना UPA सरकार के दौरान हुई थी, लेकिन 2014 के बाद इसे व्यापक स्तर पर लागू किया गया।”
स्वच्छ भारत अभियान को एक अन्य बड़ी उपलब्धि बताते हुए उन्होंने कहा कि इसने न केवल 60,000 से 70,000 लोगों की जान बचाई, बल्कि महिलाओं और लड़कियों की जिंदगी को भी बेहतर बनाया। “2014 से पहले केवल 36% लोगों के पास शौचालय की सुविधा थी, जो अब बढ़कर 80-85% हो गई है। यह महिलाओं की गतिशीलता और लड़कियों के स्कूल ड्रॉपआउट को कम करने में सहायक सिद्ध हुआ है।”
दूसरे कार्यकाल पर चिंता
हालांकि, डॉ. तंत्री ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल पर धीमी रफ्तार और कम सुधारों को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मोदी 1 का फोकस बुनियादी समस्याओं को हल करने पर था। हालांकि, कुछ प्रयास जैसे नोटबंदी, उम्मीद के मुताबिक नहीं चले। लेकिन यह बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। वहीं, मोदी 2 में सुधारों की गति धीमी हो गई।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस के उन्मूलन को भी एक बड़ी उपलब्धि बताया। “योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद, इस बीमारी से जुड़ी मौतों पर लगाम लगाई गई। आज यह बीमारी खत्म हो चुकी है।”
राजनीतिज्ञों की भूमिका और आलोचकों के प्रति संदेश
डॉ. तंत्री ने राजनीतिज्ञों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि वे जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं। उन्होंने कहा, “राजनीतिज्ञों के प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान है। वे जनता को जवाबदेह होते हैं, लेकिन विश्लेषकों को अपनी आलोचनाओं के लिए अधिक जिम्मेदार होना चाहिए।”
डॉ. तंत्री के विचार देश की आर्थिक नीतियों और सुधारों पर एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, जिसमें पहले कार्यकाल की उपलब्धियों और दूसरे कार्यकाल की धीमी गति पर चर्चा की गई है।