बेंगलुरु: आईपीएल 2024 में ऐतिहासिक जीत के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत का जश्न बुधवार (4 जून) को एक भयावह हादसे में बदल गया। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित हुए समारोह में भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और अनेक घायल हो गए। इस पर अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव देवजीत सैकिया और आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
BCCI सचिव देवजीत सैकिया का बयान
BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने घटना पर शोक जताते हुए कहा कि, “यह एक दुखद घटना है। इस प्रकार की लोकप्रियता का नकारात्मक पक्ष यही होता है। क्रिकेटर्स को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है, लेकिन आयोजकों को इस तरह के कार्यक्रमों की बेहतर योजना बनानी चाहिए थी।”
उन्होंने कहा कि, “जब किसी जीत के बाद इतने बड़े स्तर पर आयोजन होता है, तो सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। यहां कुछ चूक हुई है, और यह एक महान जीत के बाद दुखद ‘एंटी-क्लाइमेक्स’ बन गया है।”
देवजीत सैकिया ने मुंबई में भारत की T20 वर्ल्ड कप जीत के बाद हुए जश्न का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां मुंबई पुलिस और स्थानीय प्रशासन के तालमेल से भीड़ को नियंत्रण में रखा गया था, जिससे कोई हादसा नहीं हुआ। “कोलकाता में भी पिछले साल KKR की जीत पर कोई ऐसी घटना नहीं हुई थी। यहां कुछ तैयारी की कमी साफ दिख रही है।”
“यह BCCI का आयोजन नहीं था” – आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल
आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल ने भी हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि यह कार्यक्रम बीसीसीआई द्वारा आयोजित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, “मुझे शुरुआत में इस कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब मुझे इसकी जानकारी मिली, तब मैंने तुरंत आयोजकों से कहा कि कार्यक्रम को जल्द समाप्त करें।”
धूमल ने आगे कहा, “यह बहुत दुखद है कि एक जश्न त्रासदी में बदल गया। जो भी जांच होनी है, वह राज्य और स्थानीय प्रशासन करेगा। हमारी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि, “RCB के अधिकारी खुद भी स्टेडियम के अंदर शोर और भीड़ के कारण बाहर की स्थिति से अवगत नहीं थे। जब मैंने उन्हें जानकारी दी, तो उन्होंने कार्यक्रम को समेटने का आश्वासन दिया।”
भीड़ पर नियंत्रण में विफल रहा प्रशासन
बुधवार को लगभग 2 लाख से अधिक प्रशंसक चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हो गए थे, जबकि स्टेडियम की क्षमता महज 35,000 लोगों की है। भीड़ पर नियंत्रण नहीं रख पाने के कारण अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई, जिसमें मासूम जानें गईं। RCB की ऐतिहासिक जीत का जश्न राज्य और क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक गहरी पीड़ा और प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बन गया है। अब सभी की निगाहें इस पर हैं कि मजिस्ट्रेटी जांच में क्या सामने आता है और भविष्य में इस तरह की त्रासदियों से कैसे बचा जा सकेगा।