नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी और उनकी पत्नी मारिया गोरेटी को शेयर बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया है। यह कार्रवाई एक शेयर बाजार में हेराफेरी और यूट्यूब वीडियो के माध्यम से निवेशकों को गुमराह करने के मामले में की गई है। SEBI ने साधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड (अब क्रिस्टल बिजनेस सिस्टम लिमिटेड) के शेयरों को कृत्रिम रूप से बढ़ावा देने और उसके ज़रिए अनुचित लाभ कमाने के आरोप में कुल 57 अन्य व्यक्तियों और संस्थाओं को भी प्रतिबंधित किया है। इन पर 1 से 5 साल तक का प्रतिबंध लगाया गया है।
यूट्यूब के जरिए शेयर की कीमतों में हेराफेरी
SEBI के अनुसार, अरशद वारसी और उनकी पत्नी ने साधना ब्रॉडकास्ट के शेयरों को खरीदने की सिफारिश वाले वीडियो यूट्यूब चैनलों पर प्रसारित किए, जिससे आम निवेशकों को गुमराह किया गया। इन वीडियो की वजह से शेयर की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ गईं और फिर इन हस्तियों और अन्य संस्थाओं ने लाभ कमाकर शेयर बेच दिए।
कितना हुआ मुनाफा?
- अरशद वारसी ने इस स्कीम से ₹41.70 लाख का लाभ कमाया।
- मारिया गोरेटी ने ₹50.35 लाख की कमाई की।
- SEBI ने दोनों पर ₹5 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
58 करोड़ की अवैध कमाई
SEBI ने आदेश में कहा है कि सभी 59 व्यक्तियों और संस्थाओं ने मिलकर ₹58.01 करोड़ की अवैध कमाई की है, जिसे 12% सालाना ब्याज के साथ वापस करना होगा।
मुख्य साजिशकर्ता कौन?
SEBI की 109 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार:
- गौरव गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता और मनीष मिश्रा इस योजना के मुख्य सूत्रधार थे।
- सुभाष अग्रवाल, जो साधना ब्रॉडकास्ट के RTA के निदेशक भी थे, इन योजनाओं के मध्यस्थ के रूप में कार्य कर रहे थे।
- पीयूष अग्रवाल और लोकेश शाह ने अपने खातों को इस हेराफेरी के लिए इस्तेमाल करने दिया।
दो चरणों में हुआ शेयर घोटाला
SEBI के मुताबिक यह एक सुनियोजित स्कीम थी, जिसे दो चरणों में अंजाम दिया गया:
- पहला चरण: संबंधित संस्थाओं और प्रमोटरों ने आपस में ट्रेड कर शेयर की कीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ाया।
- दूसरा चरण: यूट्यूब पर प्रचार कर आम निवेशकों को निवेश के लिए आकर्षित किया गया, जिसके बाद बड़े स्तर पर शेयर बेच दिए गए।
SEBI का यह बड़ा फैसला एक बार फिर इस बात की चेतावनी है कि सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर निवेश सलाह के नाम पर फैलाई जा रही सूचनाएं हमेशा भरोसेमंद नहीं होतीं। निवेशकों को चाहिए कि वे किसी भी निवेश से पहले कंपनी की आधिकारिक जानकारी और वित्तीय विवरणों की पुष्टि करें।