नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 22 सितंबर 2025 (सोमवार) से शुरू हो रहा है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। इन दिनों में मां की विशेष कृपा पाने के लिए अनेक श्रद्धालु अखंड ज्योति (निरंतर जलने वाली दीपक) जलाते हैं।
अखंड ज्योति जलाने की परंपरा मां दुर्गा की अखंड कृपा, शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। लेकिन इस ज्योति को जलाने के कुछ सख्त नियम होते हैं, जिनका पालन करना बेहद आवश्यक होता है। आइए जानते हैं अखंड ज्योति जलाने के नियम, विधि और इसके लाभ।
अखंड ज्योति जलाने के नियम
- ज्योति नौ दिन तक बुझनी नहीं चाहिए:
अखंड ज्योति को नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के समय जलाया जाता है और यह पूरे नौ दिनों तक लगातार जलनी चाहिए। अगर यह दीपक बुझ जाता है, तो इसे अशुभ माना जाता है। - मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर उत्तर-पूर्व दिशा में रखें:
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) देवताओं की दिशा मानी जाती है। यहीं पूजा स्थल और अखंड ज्योति स्थापित करना शुभ होता है। - दीपक पीतल या मिट्टी का हो सकता है:
परंपरागत रूप से पीतल के दीपक को श्रेष्ठ माना गया है, लेकिन मिट्टी का दीपक भी स्वीकार्य है। - दीपक को लाल या पीले वस्त्र पर रखें:
दीपक को एक साफ चबूतरे पर लाल या पीले कपड़े के ऊपर रखें, जो शुभता का प्रतीक होता है। - दीपक के नीचे अष्टदल बनाएं:
गुलाल, चावल और हल्दी से दीपक के नीचे अष्टदल (कमल की आकृति) बनाना अत्यंत शुभ माना गया है। - बाती रक्षासूत्र (कलावा) से बनाएं:
दीपक की बाती आम रूई के बजाय रक्षासूत्र (कलावा) से बनाना अधिक फलदायक होता है। - दीपक के लिए तेल या घी का चयन करें:
आप सरसों का तेल, तिल का तेल या शुद्ध देशी घी का उपयोग कर सकते हैं।- घी का दीपक — मां दुर्गा की मूर्ति के दाहिनी ओर रखें।
- तेल का दीपक — मां की मूर्ति के बाईं ओर रखें।
- दीपक की लौ दिशा में रखें:
- पूर्व दिशा में लौ रखने से आयु बढ़ती है।
- उत्तर दिशा में लौ रखने से धन में वृद्धि होती है।
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें:
जहां अखंड ज्योति जलाई जाती है, उस स्थान की पूरी नवरात्रि अवधि तक साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। - दीपक जलाते समय मंत्र जाप करें:
दीपक जलाते समय यह मंत्र अवश्य बोलें:
“ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥”
अखंड ज्योति जलाने के लाभ
- मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- वास्तु दोष दूर होते हैं।
- पितृ दोष और नकारात्मक ग्रहों (शनि, राहु, केतु) का प्रभाव कम होता है।
- रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं।
- परिवार में मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता आती है।
विशेष सावधानी
- अखंड ज्योति की निरंतर देखरेख के लिए किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
- अगर दीपक बुझ जाए, तो तुरंत नए दीपक से उसे पुनः प्रज्वलित करें, लेकिन अपने मन में क्षमा याचना भी करें।
- ज्योति की लौ हमेशा सुरक्षित और हवाहीन स्थान पर रखें।
नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाना अत्यंत पुण्यदायी कार्य है, लेकिन यह उतना ही जिम्मेदारी भरा भी है। सही विधि और नियमों के साथ अगर अखंड ज्योति जलाई जाए, तो मां दुर्गा की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है और जीवन में सभी प्रकार की नकारात्मकता दूर होती है।