
नई दिल्ली: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि पटना एयरपोर्ट तकनीकी रूप से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए खुला है, लेकिन वहां की रनवे की लंबाई कम होने के कारण नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संभव नहीं हो पा रही हैं।
मंत्री ने कहा, “पटना एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय संचालन के लिए खुला है, लेकिन एक मूलभूत समस्या है — रनवे छोटा है। छोटे रनवे के कारण विमानों पर ‘लोड पेनल्टी’ लगती है, जिससे वे पूरी कार्यक्षमता के साथ नहीं उड़ सकते। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन व्यावसायिक रूप से संभव नहीं हो पा रहा।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए वैकल्पिक उपायों पर काम किया जा रहा है।
बढ़ती मांग के बावजूद उड़ानें नहीं
बिहार की राजधानी पटना से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन कम रनवे लंबाई के कारण एयरलाइंस लंबी दूरी की या पूरी तरह से लोडेड उड़ानों का संचालन नहीं कर पा रही हैं। इससे यह सेवा आर्थिक रूप से लाभकारी नहीं रह जाती और फिलहाल के लिए इसे स्थगित रखा गया है।
एयर इंडिया हादसे पर भी दी जानकारी
राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान मंत्री नायडू ने एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे को लेकर भी जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि कोपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) से मिली पूरी जानकारी उपलब्ध है और हादसे की अंतिम जांच रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल किया जाएगा।
गौरतलब है कि यह हादसा अहमदाबाद में हुआ था, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें यात्री, चालक दल और जमीन पर मौजूद लोग शामिल थे।
नायडू ने कहा, “हमारे पास कोपिट वॉयस रिकॉर्डर से पूरी जानकारी है। अंतिम रिपोर्ट पूरी तरह तथ्यों पर आधारित होगी और उसमें किसी भी प्रकार की पक्षपात की गुंजाइश नहीं होगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि यह रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत स्वतंत्र संस्था — एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि AAIB ने ब्लैक बॉक्स से सभी जरूरी डेटा डिकोड कर लिए हैं और जांच प्रक्रिया नियम-आधारित और निष्पक्ष तरीके से की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री की इन जानकारियों से स्पष्ट है कि सरकार पटना एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए पूरी तरह से सक्षम बनाने की दिशा में प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर, एयर इंडिया हादसे की जांच में पारदर्शिता और तथ्यों की प्रधानता सुनिश्चित की जा रही है।