
मुंबई: जॉन अब्राहम स्टारर ‘The Diplomat’ हाल ही में रिलीज़ हुई है और इसने दर्शकों के दिलों को छू लिया है। भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर आधारित यह फिल्म बिना किसी नाटकीयता और जोशीले संवादों के सटीक तरीके से कूटनीति की बारीकियों को सामने लाती है। ‘बेबी’ और ‘ए वेडनेसडे’ जैसी फिल्मों की याद दिलाने वाली यह फिल्म दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है।
कहानी
फिल्म की कहानी उजमा अहमद की वास्तविक घटना पर आधारित है, जो एक भारतीय महिला हैं। उनकी ज़िंदगी उस समय बद्तर हो गई जब उन्हें पाकिस्तान में जबरन शादी के लिए मजबूर किया गया। शादी के बाद उन्हें शारीरिक और मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ीं। उजमा ने भारत की दूतावास में शरण ली और उनकी सुरक्षित वापसी की जिम्मेदारी उठाई भारतीय राजनयिक जेपी सिंह ने, जिनका किरदार जॉन अब्राहम ने निभाया है।
फिल्म में दिखाया गया है कि जेपी सिंह कैसे राजनयिक बाधाओं, कानूनी उलझनों और भारत-पाकिस्तान के कूटनीतिक दबावों के बीच उजमा को घर वापस लाने के लिए संघर्ष करते हैं।
अभिनय
जॉन अब्राहम ने राजनयिक के रूप में दमदार अभिनय किया है। उनके किरदार में संयम और दृढ़ता साफ झलकती है। बिना एक्शन और बड़े-बड़े संवादों के भी जॉन ने अपनी उपस्थिति को प्रभावशाली बनाया है।
वहीं, सादिया खतीब ने उजमा अहमद की भूमिका में भावनात्मक गहराई को बखूबी प्रस्तुत किया है। उनकी आंखों में छिपा दर्द और संघर्ष दर्शकों को झकझोर देता है। कुमुद मिश्रा और रेवती ने भी अपने किरदारों को पूरी संजीदगी से निभाया है।
जगजीत संधू ने ISI एजेंट के किरदार में अपने अभिनय से डर और घृणा को बखूबी व्यक्त किया है। शारीब हाशमी अपनी हाजिरजवाबी और हल्के-फुल्के अंदाज में फिल्म में राहत लाते हैं।
निर्देशन
शिवम नायर के निर्देशन में कहानी को वास्तविकता के करीब रखा गया है, लेकिन कुछ जगहों पर क्लिशे सीन भी देखने को मिलते हैं। खासतौर पर पाकिस्तानी चरित्रों को हमेशा की तरह पत्थरदिल और हिंसक दिखाने की कोशिश की गई है, जो थोड़ा निराशाजनक है। पाकिस्तान की राजनीतिक और कूटनीतिक परतों को और बेहतर तरीके से दिखाया जा सकता था।
फैसला
अगर आप देशभक्ति पर आधारित फिल्में पसंद करते हैं और जॉन अब्राहम के फैन हैं, तो ‘The Diplomat’ जरूर देखी जानी चाहिए। फिल्म में कोई प्रचार नहीं है, बल्कि यह एक ईमानदार कूटनीतिक प्रयास की कहानी है।
रेटिंग: 3/5