इस साल 21 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पहले से कहीं ज्यादा खास होने वाला है। भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय इस दिन को देश की विरासत से जोड़ने जा रहा है। मंत्रालय ने ऐलान किया है कि योग दिवस पर देश के 100 आइकोनिक स्थानों और 50 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों पर एक साथ योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
यह पहली बार होगा जब योग केवल पार्क या मैदानों तक सीमित न रहकर भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थलों तक पहुंचेगा। संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय मिलकर योग को भारत की प्राचीन परंपरा के प्रतीक स्थलों से जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इस दिन
देशभर के 100 प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर सुबह योग सत्र होंगे। इन जगहों पर योग के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत और नृत्य भी होंगे। यूनेस्को धरोहर स्थलों में हम्पी (कर्नाटक), खुजुराहो (मध्यप्रदेश), रानी की वाव (गुजरात), सांची स्तूप, कोणार्क सूर्य मंदिर (ओडिशा), अजंता-एलिफेंटा की गुफाएं (महाराष्ट्र), लेह पैलेस (लद्दाख), जालियांवाला बाग (अमृतसर) जैसे स्थल शामिल हैं।
मुख्य आयोजन कहाँ होगा?
इस बार का मुख्य कार्यक्रम विशाखापट्टनम में आयोजित किया जाएगा, जिसमें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मौजूद रहेंगे। संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में योग कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
इस आयोजन का मतलब
देश-दुनिया में योग की महत्ता को दिखाना। भारत की सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचारित करना। “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” (One Earth, One Health) के संदेश को मजबूत करना। इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य केवल योग के शारीरिक लाभों को नहीं, बल्कि इसके मानसिक और आध्यात्मिक महत्व को भी सामने लाना है। यह आयोजन भारत की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करता है। “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के सिद्धांत को आगे बढ़ाते हुए यह कार्यक्रम पर्यावरण, शांति और समग्र स्वास्थ्य के संदेश को भी प्रोत्साहित करता है। यह विश्वभर को यह बताने का अवसर है कि योग न केवल एक व्यायाम, बल्कि जीवन जीने की एक संतुलित कला है।