
उत्तरकाशी/देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के कारण आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं उत्तरकाशी पहुंचे और धराली गांव का हवाई सर्वेक्षण और स्थल निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 150 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि अब तक 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। राहत और बचाव कार्य में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की टीमें जुटी हैं। तीन एनडीआरएफ टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं, जबकि दो और टीमें देहरादून एयरपोर्ट पर स्टैंडबाय पर हैं।
प्रधानमंत्री मोदी से हुई बातचीत
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और केंद्र सरकार ने राज्य को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि,
“पीएम मोदी ने उत्तराखंड के हालात की जानकारी ली है और सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है।”
सड़कें और संचार व्यवस्था ठप
- उत्तरकाशी-हर्षिल रोड पूरी तरह बह चुकी है और NH-34 पर भी भारी क्षति हुई है।
- मोबाइल नेटवर्क और बिजली आपूर्ति बाधित है।
- भारी बारिश के कारण हरिद्वार में गंगा का जलस्तर भी बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत सामग्री, खाने के पैकेट और डॉक्टरों की टीम तैयार रखी गई है। जैसे ही मौसम साफ होगा, सेना के हेलीकॉप्टरों को रेस्क्यू के लिए रवाना किया जाएगा।
एनडीआरएफ की कैडेवर डॉग टीम तैनात
इस त्रासदी में मृतकों की खोज के लिए एनडीआरएफ की कैडेवर डॉग यूनिट को पहली बार राहत कार्यों में लगाया गया है। यह डॉग स्क्वॉड दिल्ली से एयरलिफ्ट होकर उत्तरकाशी पहुंचा है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आईं सामने
शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा,
“यह त्रासदी पर्यावरण के साथ खिलवाड़ का नतीजा है। विकास करते समय प्रकृति के संतुलन का ध्यान रखना चाहिए।”
वहीं कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा,
“ऐसे हादसे हिमाचल और केरल में भी हुए हैं। एक समग्र रणनीति बनानी होगी ताकि इस तरह की घटनाएं दोहराई न जाएं।”
मुख्यमंत्री ने धराली में की स्थल निरीक्षण और राहत समीक्षा
मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत कार्यों के लिए
- 10 डीएसपी, 3 एसपी और 160 पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं।
- प्रभावित लोगों के लिए देहरादून और ऋषिकेश के अस्पतालों में बेड आरक्षित किए गए हैं।
लापता हैं कई लोग, 11 सैनिकों की भी खबर नहीं
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, 60–70 लोग बाढ़ में फंसे थे, जिनमें से कई को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हालांकि 11 सैनिकों के लापता होने की खबर भी सामने आई है।
उत्तरकाशी की यह प्राकृतिक आपदा, न केवल राज्य बल्कि पूरे देश को झकझोर देने वाली है। फिलहाल, राहत कार्य जारी हैं और राज्य सरकार तथा केंद्र मिलकर स्थिति पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वे नदी-नालों से दूरी बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।