
नई दिल्ली: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह शुभ अवसर 21 अगस्त 2025, गुरुवार को आ रहा है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है और भक्त निशा काल में विधिवत पूजन व व्रत कर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते हैं।
मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। अविवाहित युवक-युवतियां इस दिन व्रत रखकर योग्य जीवनसाथी की कामना करते हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने दांपत्य जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं।
शुभ मुहूर्त और पूजा का समय
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि 21 अगस्त को दोपहर 12:44 बजे शुरू होकर 22 अगस्त को सुबह 11:55 बजे समाप्त होगी। पूजा का श्रेष्ठ समय रात्रि के निशिता काल में है, जो रात 12:02 बजे से 12:46 बजे तक रहेगा।
शुभ योग का संयोग
इस मासिक शिवरात्रि पर पुष्य नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त का दुर्लभ योग बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, यह योग भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस योग में की गई पूजा का फल कई गुना अधिक मिलता है।
पंचांग विवरण
- सूर्योदय: सुबह 05:53 बजे
- सूर्यास्त: शाम 06:54 बजे
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:26 से 05:10 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:34 से 03:26 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:54 से 07:16 बजे तक
- निशिता मुहूर्त: रात 12:02 से 12:46 बजे तक
इस विशेष दिन पर श्रद्धालुओं को व्रत, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, शिव चालीसा पाठ और रात्रि जागरण कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। पुष्य नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त का योग मासिक शिवरात्रि को और भी प्रभावशाली बना देता है।