भारत के सबसे पसंदीदा उद्योगपति और टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने बुधवार देर रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली. उनके निधन पर पूरा देश शोक में है और राजनीति और मनोरंजन से लेकर खेल जगत की बड़ी हस्तियां भारत के अनमोल रत्न को श्रद्धांजलि दे रही हैं. इस बीच रतन टाटा के करीबी दोस्त और उनके साथ साये की तरह रहने वाले शांतनु नायडू ने भी उनके लिए भावुक पोस्ट लिखी है.
शांतनु नायडू ने लिखा, “मैं अपनी बाकी की जिंदगी इस दोस्ती के कारण मेरे अंदर पैदा हुए खालीपन को भरने में बिताऊंगा. प्यार की कीमत दुख है, अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस. यह बात जानकर शायद आपको अजीब लगेगा, लेकिन बिजनेस की दुनिया के बेताज बादशाह रतन टाटा अपने से बहुत छोटे युवक शांतनु नायडू (31 साल) से सलाह लेते थे.
बिजनेस इंडस्ट्री में मुकाम हासिल
31 साल की उम्र में शांतनु नायडू ने बिजनेस इंडस्ट्री में वो मुकाम हासिल कर लिया है, जो कई लोगों के लिए सपना होता है. शांतनु नायडू रतन टाटा को स्टार्टअप में निवेश के लिए बिजनेस टिप्स देते हैं. शांतनु नायडू का जन्म 1993 में पुणे में हुआ था. वे एक फेमस भारतीय बिजनेसमैन, इंजीनियर, जूनियर असिस्टेंट, डीजीएम, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, लेखक और इंटरप्रेन्योर हैं. शांतनु नायडू टाटा ट्रस्ट के डिप्टी जनरल मैनेजर भी हैं.
पशु प्रेम और समाज सेवा का भाव मन में रखने वाले शांतनु ने “मोटोपॉज” नाम की संस्था बनाई, जो सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों की मदद करती है. इस स्टार्टअप ने भारत में बाघों के लिए एक अवैध शिकार विरोधी डिवाइस और स्क्रैप मटेरियल से बने रिफ्लेक्टिव डॉग कॉलर तैयार किए, जिससे जानवरों से संबंधित रात की दुर्घटनाओं में 37 फीसदी की कमी आई.
शांतनु नायडू ने दिया रोजगार
शांतनु नायडू के नेतृत्व में मोटोपॉज ने 17 शहरों में विस्तार किया और 8 महीनों में 250 कर्मचारियों को काम पर रखा है. जबकि एक छात्र संगठन के रूप में, उनके पास शुरूआत में कॉलर बनाने के लिए शुरू में पर्याप्त फंड तक नहीं था. इसलिए उन्होंने बेसिक मटेरियल के रूप में डेनिम पैंट का इस्तेमाल करने का फैसला किया था, जिसे वे अलग-अलग जगहों से इकट्ठा करते थे.
इसके बाद उन्होंने 2021 में गुडफेलो नाम से एक वेंचर शुरू किया था, जिसका मकसद बुजुर्गों को सहायता प्रदान करना था. इसके अलावा शांतनु “आई केम अपॉन ए लाइटहाउस” नामक एक पुस्तक भी पब्लिश कर चुके हैं. शांतनु नायडू का सपना तब साकार हुआ, जब रतन टाटा ने उन्हें फेसबुक पर आवारा कुत्तों के लिए रिफ्लेक्टर युक्त कॉलर के बारे में उनकी पोस्ट देखने के बाद एक मीटिंग के लिए मुंबई बुलाया. यहीं से दोनों के बीच एक गहरी दोस्ती की शुरुआत हुई. क्योंकि रतन टाटा खुद भी एक पशु प्रेमी हैं.
स्टार्टअप्स में निवेश पर सलाह
इस बीच दोनों के बीच सामाजिक मुद्दों पर समान विचारों ने इस रिश्ते को और भी मजबूत किया. शांतनु अब रतन टाटा के ऑफिस में जनरल मैनेजर के पद पर काम करते हैं और नए स्टार्टअप्स में निवेश को लेकर टाटा ग्रुप को सलाह भी देते हैं.
शांतनु ने सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद उन्होंने 2016 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से MBA किया. शांतनु नायडू अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी हैं, जो टाटा ग्रुप में काम कर रहे हैं. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, शांतनु जून 2017 से टाटा ट्रस्ट में काम कर रहे हैं. इसके अलावा नायडू टाटा एलेक्सी में डिजाइन इंजीनियर के तौर पर भी काम कर चुके हैं.