शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आज़मी के औरंगजेब को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान की कड़ी निंदा की है। ठाकरे ने कहा कि अबू आज़मी को सिर्फ बजट सत्र के लिए नहीं, बल्कि स्थायी रूप से महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “उन्हें स्थायी रूप से निलंबित किया जाना चाहिए, यह निलंबन सिर्फ बजट सत्र तक सीमित नहीं होना चाहिए, यह स्थायी होना चाहिए।”
गौरतलब है कि दिन के पहले हिस्से में महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने अबू आज़मी को उनके बयान के बाद निलंबित कर दिया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। ठाकरे ने कहा कि अखिलेश यादव को अबू आज़मी का समर्थन करने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर अखिलेश यादव को उनकी बातों पर ऐतराज़ है तो उन्हें अबू आज़मी को उत्तर प्रदेश से चुनाव में उतारने देना चाहिए। क्योंकि पूरी महाराष्ट्र ने उनके बयान पर आपत्ति जताई है।”
मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, “अगर अखिलेश यादव को आपत्ति है, तो उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं करनी चाहिए। पूरी महाराष्ट्र ने अबू आज़मी के बयान पर विरोध जताया है। यदि उन्हें कोई दिक्कत है तो उन्हें उन्हें उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने के लिए भेज देना चाहिए। उन्हें सच्चाई का ज्ञान नहीं है।”
उधर, अखिलेश यादव ने अबू आज़मी के निलंबन पर अपनी आपत्ति जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “अगर निलंबन का आधार विचारधारा के प्रभाव में आकर तय होने लगेगा, तो फिर स्वतंत्रता और दासता में क्या फर्क रह जाएगा? चाहे हमारे विधायक हों या सांसद, उनका निडर विवेक अतुलनीय है। यदि कुछ लोग समझते हैं कि ‘निलंबन’ के जरिए किसी के सत्य के बोलने पर लगाम लगाई जा सकती है, तो यह उनकी नकारात्मक सोच की बच्चकानी है। आज की स्वतंत्र सोच कहती है कि हम बीजेपी नहीं चाहते।”
इस मामले ने राजनीति में एक नया मोड़ लिया है, और अबू आज़मी के बयान के कारण शिवसेना (यूबीटी) और समाजवादी पार्टी के बीच तना-तनी बढ़ गई है।