पटना के कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या से दहला बिहार, बेऊर जेल से रची गई सुपारी किलिंग की साजिश, पुलिस ने खोले कई राज

पटना के कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या से दहला बिहार, बेऊर जेल से रची गई सुपारी किलिंग की साजिश, पुलिस ने खोले कई राज
पटना के कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या से दहला बिहार, बेऊर जेल से रची गई सुपारी किलिंग की साजिश, पुलिस ने खोले कई राज

पटना: राजधानी पटना के दिल में हुए दिनदहाड़े मर्डर ने बिहार को झकझोर दिया है। शहर के प्रसिद्ध व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह वारदात न सिर्फ सीएम आवास और पुलिस मुख्यालय के पास हुई, बल्कि यह साबित कर गई कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं और कानून-व्यवस्था किस कदर बेबस।

हत्या की पूरी वारदात

4 जुलाई की रात 2:25 बजे, रामगुलाम चौक पर जब खेमका अपनी कार से उतरकर घर की ओर बढ़े, तभी एक हेलमेट पहने शूटर पीछे से आया और बेहद नजदीक से सिर में गोली मार दी। वारदात सीसीटीवी में कैद हुई, जिससे साफ हुआ कि यह हत्या सुपारी किलिंग थी, न कि कोई रैंडम हमला।

बेऊर जेल से चला था मर्डर का ‘ऑर्डर’

जांच में जुटी एसआईटी को शक की सुई बेऊर जेल की ओर ले गई। छापेमारी में वहां से तीन मोबाइल, सिम कार्ड और संदिग्ध नंबरों की लिस्ट मिलीं। जांच में सामने आया कि इस हत्या की साजिश अंदर से बंद गैंगस्टर अजय वर्मा ने रची थी। वर्मा पर पहले से ही 28 से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज हैं।

7 जुलाई को मालसलामी इलाके से मुख्य शूटर उमेश कुमार को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से हत्या में इस्तेमाल पिस्टल और सुपारी में मिले पैसे भी बरामद हुए। पूछताछ में उमेश ने बताया कि उसने गरीबी के चलते 1 लाख रुपये में हत्या की सुपारी ली थी। उसी रात पुलिस ने उसके साथी विकास उर्फ राजा को पकड़ने की कोशिश की, जो मुठभेड़ में मारा गया।

उदयगिरि अपार्टमेंट से जुड़े तार

उमेश की निशानदेही पर पुलिस ने उदयगिरी अपार्टमेंट में छापा मारा, जहां से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। फ्लैट के मालिक केके झुनझुनवाला मुंबई में रहते हैं, जबकि उसमें अशोक साह नामक किरायेदार दो साल से रह रहा था, जिसकी पृष्ठभूमि पर अब जांच जारी है।

खेमका परिवार पहले भी बना है निशाना

2018 में खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी वैशाली में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब पुलिस दोनों मामलों के तार जोड़ने की कोशिश कर रही है। क्या खेमका परिवार किसी एक ही गैंग का निशाना रहा? यह बड़ा सवाल बन गया है।

हाई-सिक्योरिटी या गैंगस्टरों का नया कमांड सेंटर?

बेऊर जेल से पहले भी अनंत सिंह, रवि गोप, अजय कानू जैसे अपराधियों के नेटवर्क चलने की खबरें आती रही हैं। इस मामले ने एक बार फिर इस जेल को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

बिहार की सियासत में उबाल

घटना के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “नीतीश-बीजेपी की सरकार ने बिहार को क्राइम कैपिटल बना दिया है।”
तेजस्वी यादव बोले, “सीएम आवास के पास हत्या होना क्या जंगलराज की परिभाषा नहीं?”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया और कहा, “किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा, “अपराधियों पर बुलडोजर चलेगा, लापरवाह अफसर भी नहीं बचेंगे।”

डीजीपी ने माना – ‘यह केस चुनौती है’

बिहार पुलिस प्रमुख विनय कुमार ने कहा कि खेमका हत्याकांड बेहद जटिल है, लेकिन इसे “एक चुनौती के रूप में लिया गया है।” पुलिस ने वैशाली केस को भी जोड़कर जांच शुरू कर दी है।

क्या अब बिहार में कोई कारोबारी सुरक्षित है?

गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे व्यापारिक समुदाय में डर फैला दिया है। सवाल यही है कि जब राजधानी के भीतर भी रसूखदार लोग महफूज नहीं, तो बाकी राज्य में आम व्यापारियों की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?