एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ₹2,100 करोड़ के कथित शराब घोटाले के सिलसिले में पैसों की शोधन जांच (money laundering) के आरोप में गिरफ्तार किया है।
ED ने आज सुबह उनके घर भिलाई में तलाशी ली और शाम को गिरफ्तारी की। यह जांच उन अफरातफरी भरे आरोपों से जुड़ी है, जो शराब बिक्री में अनियमितताओं के इर्द‑गिर्द बुने गए थे।
क्या हुआ जांच के दौरान?
- ED की टीम ने PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत तलाशी ली और बड़ी संख्या में दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड, नकदी और अन्य सबूत जब्त किए।
- सितंबर 2025 में, इसी जांच के दौरान ED ने भिलाई स्थित भूपेश बघेल के आवास पर भी छापा मारा, जिसका राजनीतिक माहौल पर व्यापक असर पड़ा।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
- ED की कार्रवाई से राज्य की राजनीति गरमा उठी है।
- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे राजनीतिक साजिश बताया और सड़क पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
- भूपेश बघेल ने भी ED की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी, यह आरोप लगाते हुए कि यह विधानसभा सत्र के अंतिम दिन जनता के मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश है।
जांच का दायरा
- ED का कहना है कि चैतन्य बघेल शराब नेटवर्क से पैसे की गैरकानूनी कमाई का “recipient” (प्राप्तकर्ता) था।
- गत महीने ही EOW (Economic Offences Wing) ने 39 जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें लगभग ₹90 लाख की नकद, सोना और दस्तावेज जब्त किए गए थे, जबकि इसके पहले Vijay Bhatia जैसे अन्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
छत्तीसगढ़ से जुड़ी यह जांच शराब बेचने में कथित बड़े पैमाने पर राजस्व दुर्भावना और भ्रष्टाचार के आरोपों की गहराई को उजागर करती है।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी इस जांच की दिशा को और तेज कर देती है, जो अब राजनीतिक और न्यायिक दोनों स्तरों पर तीव्र विश्लेषण के दायरे में है।