When is Dussehra 2025? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और देशभर में कैसे मनाई जाती है विजयादशमी

When is Dussehra 2025? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और देशभर में कैसे मनाई जाती है विजयादशमी
When is Dussehra 2025? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और देशभर में कैसे मनाई जाती है विजयादशमी

नई दिल्ली: दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। वहीं, कुछ स्थानों पर इसे देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय के रूप में भी मनाया जाता है। यह पर्व शारदीय नवरात्रि के समापन का संकेत भी है।

दशहरा 2025 की तारीख और पूजा का समय

वर्ष 2025 में दशहरा 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा।
विजया मुहूर्त दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक रहेगा।
अपराह्न पूजा का समय दोपहर 1:21 बजे से 3:44 बजे तक रहेगा।
दशमी तिथि 1 अक्टूबर को शाम 7:01 बजे प्रारंभ होगी और 2 अक्टूबर को शाम 7:10 बजे समाप्त होगी।
श्रवण नक्षत्र 2 अक्टूबर को सुबह 9:13 बजे शुरू होकर 3 अक्टूबर को सुबह 9:34 बजे तक रहेगा।

देश के विभिन्न हिस्सों में कैसे मनाते हैं दशहरा

देशभर में दशहरे का उत्सव विभिन्न परंपराओं के साथ मनाया जाता है। उत्तर भारत में रामलीला का आयोजन किया जाता है और रावण, कुंभकर्ण तथा मेघनाद के पुतलों का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है।

बंगाल और पूर्वोत्तर भारत में इस दिन देवी दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है, जिसे ‘दुर्गा विसर्जन’ कहा जाता है।

दक्षिण भारत में इस दिन शस्त्र, औजार और पुस्तकों की पूजा की जाती है। कई स्थानों पर लोग अपने वाहन और कामकाजी उपकरणों की भी पूजा करते हैं।

महाराष्ट्र और गुजरात में शमी वृक्ष और देवी अपराजिता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन इनकी पूजा करने से विजय और समृद्धि प्राप्त होती है।

दशहरा सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और धर्म की गहराई से जुड़ा एक अहम दिन है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में जीत सत्य और धर्म की ही होती है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।