गुवाहाटी: असम के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की रहस्यमय मौत के मामले में असम सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक न्यायिक जांच आयोग गठित करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को फेसबुक लाइव के माध्यम से बताया कि यह आयोग शनिवार को गठित किया जाएगा और इसकी अगुवाई गौहाटी हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश जस्टिस सौमित्र सैकिया करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम कल से न्यायिक आयोग का गठन कर रहे हैं। मैं सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि जिनके पास जुबिन गर्ग की मौत से संबंधित कोई भी जानकारी या वीडियो हो, वे सामने आकर आयोग के सामने अपना बयान दें।”
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जुबिन की पत्नी को सौंपी जाएगी
सीएम सरमा ने यह भी बताया कि सिंगापुर में हुए पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट जुबिन की पत्नी गरिमा को सौंप दी गई है और गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में हुए दूसरे पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट भी शनिवार को उन्हें दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा, “यह गरिमा (जुबिन की पत्नी) पर निर्भर करता है कि वह रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहती हैं या नहीं। हम यह रिपोर्ट न्यायालय में भी जमा करेंगे।”
जुबिन के बैंड सदस्यों को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया
इस मामले में गायक जुबिन गर्ग के दो बैंड सदस्यों ड्रमर शेखरज्योति गोस्वामी और को-सिंगर अमृतप्रभा महंता को अदालत ने शुक्रवार को 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इन दोनों को कई दिनों की पूछताछ के बाद गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये दोनों उस याच (नौका) पर मौजूद थे जिस पर जुबिन गर्ग 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय डूब गए थे।
अब तक चार गिरफ्तारियां, हत्या का मामला दर्ज
इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले जुबिन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और फेस्टिवल आयोजक श्यामकानु महंता को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। उन पर पुलिस ने हत्या के आरोप लगाए हैं। फिलहाल ये दोनों भी सीआईडी की हिरासत में 14 दिनों की रिमांड पर हैं।
सीआईडी के विशेष डीजी मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने कहा, “चारों आरोपियों से पूछताछ जारी है। इस समय इससे अधिक कुछ साझा नहीं किया जा सकता।”
भारत-सिंगापुर संबंधों के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे जुबिन गर्ग
गौरतलब है कि जुबिन गर्ग भारत और सिंगापुर के कूटनीतिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने सिंगापुर गए थे। वह इंडिया-आसियान टूरिज्म ईयर और नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के हिस्से के रूप में कार्यक्रमों में शामिल हो रहे थे।
जुबिन गर्ग की असम में अपार लोकप्रियता है और उनकी असमिया, हिंदी और अन्य भाषाओं में गायी गईं कई गीतों ने उन्हें एक सांस्कृतिक आइकन बना दिया है। उनकी आकस्मिक मौत से राज्य भर में शोक की लहर है और अब न्यायिक जांच की घोषणा से उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी।