ढाका: बांग्लादेश की राजनीति में आज फिर भूचाल आ गया जब ढाका की एक विशेष अदालत ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजेद पुटुल और 17 अन्य के खिलाफ एक नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया। मामला है बहुचर्चित पुरबाचल न्यू सिटी हाउसिंग प्रोजेक्ट में एक आवासीय प्लॉट के अवैध आवंटन का, जिसमें भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।
ढाका मेट्रोपॉलिटन के सीनियर स्पेशल जज जाकिर हुसैन गालिब ने एंटी करप्शन कमीशन (ACC) द्वारा दायर चार्जशीट को स्वीकार करते हुए वारंट जारी किया। अदालत ने यह कार्रवाई तब की जब आरोपी पेश नहीं हुए और न्यायिक प्रक्रिया से बचते रहे।
क्या है मामला?
चार्जशीट के अनुसार, शेख हसीना की बेटी पुटुल ने अपनी मां की सत्ता का गलत इस्तेमाल कर राजधानी विकास प्राधिकरण (RAJUK) को दरकिनार करते हुए गैरकानूनी तरीके से प्लॉट आवंटित कराया। खास बात यह है कि पुटुल के पास पहले से ही ढाका में कई प्रॉपर्टीज़ हैं, जिससे इस आवंटन की वैधता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
गौरतलब है कि पुटुल इस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की निदेशक के रूप में नई दिल्ली में कार्यरत हैं। इस केस में उनका नाम आना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है।
4000 करोड़ का घोटाला
एसीसी ने हाल ही में 2020 में हुए मुजीब सेंटीनेरी सेलिब्रेशन के दौरान हुए 4,000 करोड़ टका के कथित दुरुपयोग की जांच भी शुरू की है। इस जांच में हसीना, उनकी बहन शेख रिहाना और पूर्व प्रधान सचिव कमाल अब्दुल नासेर चौधरी पर भी निगाहें हैं।
भारत में शरण और प्रत्यर्पण की मांग
2024 के अगस्त में छात्र आंदोलन के बाद सत्ता से बाहर हुईं शेख हसीना फिलहाल भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से उनका प्रत्यर्पण मांगा है, लेकिन अब तक नई दिल्ली से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।
मानवता के खिलाफ अपराधों का भी है केस
इतना ही नहीं, हसीना पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में भी बड़े आरोप चल रहे हैं—जिनमें सामूहिक हत्या, जबरन गायब करना और मानवाधिकार हनन शामिल हैं। बांग्लादेश की राजनीति में ये घटनाएं आने वाले दिनों में कई नए मोड़ ला सकती हैं। हसीना के खिलाफ बढ़ती कानूनी कार्रवाई क्या उन्हें भारत से वापसी पर मजबूर करेगी या यह मामला दक्षिण एशियाई राजनीति में नया विवाद पैदा करेगा, यह देखना बाकी है।