नई दिल्ली/क़िंगदाओ (चीन): भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान पर तीखा लेकिन परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि कुछ देश “सीमापार आतंकवाद” को अपनी राष्ट्रीय नीति का हिस्सा बना चुके हैं और आतंकियों को पनाह देने का काम करते हैं। बैठक चीन के क़िंगदाओ शहर में आयोजित की गई है, जिसमें एससीओ के दस सदस्य देशों के रक्षा मंत्री भाग ले रहे हैं।
“सीमापार आतंकवाद को साधन बनाना बंद करें”
राजनाथ सिंह ने कहा, “कुछ देश सीमापार आतंकवाद को एक नीति उपकरण की तरह इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को आश्रय देते हैं। ऐसे दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे राष्ट्रों की आलोचना करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।”
पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान पर सीधा संकेत
रक्षा मंत्री ने अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें इस्तेमाल की गई रणनीति लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के पिछले हमलों से मेल खाती है।
उन्होंने बताया कि भारत ने 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू कर आतंकियों के सीमा पार ठिकानों को निशाना बनाया और आत्मरक्षा के अधिकार के तहत यह कार्रवाई की गई।
राजनाथ सिंह ने कहा, “पहलगाम हमले की रणनीति लश्कर-ए-तैयबा की पुरानी आतंकी गतिविधियों जैसी थी। भारत ने आतंकवाद से बचाव, पूर्व-रोकथाम और प्रतिरोध के अधिकार का प्रयोग करते हुए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, जिससे सीमा पार आतंकी ढांचे को ध्वस्त किया गया।”
धार्मिक पहचान के आधार पर हुआ हमला
रक्षा मंत्री ने बताया कि इस हमले में 26 आम नागरिकों की जान गई, जिनमें एक नेपाली नागरिक और एक स्थानीय टट्टू चालक भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया गया। हमले के पीछे “द रेज़िस्टेंस फ्रंट” (TRF) का हाथ माना जा रहा है, जो कि लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित है।
आतंक के खिलाफ एकजुट होने की अपील
राजनाथ सिंह ने SCO सदस्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कड़ी निंदा करने की अपील की। उन्होंने कहा, “आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं होता – चाहे वह कहीं भी, किसी भी उद्देश्य से और किसी के द्वारा भी किया गया हो। इसे पूरी तरह अपराध के रूप में देखा जाना चाहिए। हम सभी को इसके दोषियों, आयोजकों, वित्त पोषकों और समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाना चाहिए।”
SCO बैठक में भारत की प्रमुख उपस्थिति
चीन की अध्यक्षता में आयोजित यह दो दिवसीय बैठक 25 और 26 जून को आयोजित की जा रही है। इसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान और नए सदस्य बेलारूस के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
बैठक का विषय है – “शंघाई भावना को बनाए रखना: आगे बढ़ता एससीओ”।
रक्षा मंत्री सिंह इस बैठक के इतर चीनी और रूसी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी कर सकते हैं। इस दौरान सीमा सुरक्षा, क्षेत्रीय रक्षा सहयोग और आतंकवाद-रोधी उपाय प्रमुख एजेंडे में शामिल हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी मंच पर चुप नहीं बैठेगा – चाहे वह सीमा पार से हो या वैश्विक समर्थन से।