गुड़ी पड़वा, जो महाराष्ट्र और कोंकण के लोग मनाते हैं, भारतीय नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन उगादी के साथ मनाया जाता है, जो कर्नाटका और आंध्र प्रदेश के लोगों द्वारा मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा को लेकर खास बात यह है कि यह दिन चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी है, जो नौ दिनों तक चलने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है।
गुड़ी पड़वा तिथि और समय
इस वर्ष, गुड़ी पड़वा 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 4:27 बजे शुरू होगी और 30 मार्च 2025 को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। चूंकि प्रतिपदा तिथि 29 मार्च से शुरू होती है, इसलिए यह सवाल उठता है कि पर्व कब मनाया जाए।
गुड़ी पड़वा का महत्व
गुड़ी पड़वा एक लूनी-सोलर कैलेंडर पर आधारित है, जो चांद और सूरज की स्थिति को ध्यान में रखते हुए महीनों और दिनों को बांटता है। इसका मुकाबला सोलर कैलेंडर से किया जाता है, जो केवल सूरज की स्थिति पर आधारित होता है और जो साल को महीनों और दिनों में विभाजित करता है। इस कारण से हिंदू नववर्ष का उत्सव साल में दो बार मनाया जाता है, जो अलग-अलग समयों पर और विभिन्न नामों से होता है। सूरज आधारित कैलेंडर के अनुसार, तमिलनाडु में इसे पुथांडु, असम में बिहू, पंजाब में बैसाखी, ओडिशा में पना संक्रांति और पश्चिम बंगाल में नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
गुड़ी पड़वा केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक पर्व भी है क्योंकि यह फसल सीजन और वसंत ऋतु की शुरुआत को भी दर्शाता है।