मुख़्तार अंसारी के मौत पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कही बड़ी बात, कहा सही नहीं हुआ!
मुख़्तार अंसारी के मौत पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कही बड़ी बात, कहा सही नहीं हुआ!
कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने पार्टी छोड़ दी है। जिसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं। पार्टी छोड़ने से पहले गौरव वल्लभ ने कांग्रेस पर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने अपनी चिठ्ठी में कहा कि मेरे से यह नहीं होगा कि सनातन धर्म को गाली दी जाए और मैं चुप बैठ जाऊं। गौरव वल्लभ के इस कारण पर जब ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि गौरव वल्लभ का यह कदम बहुत अच्छा है और हम इसका स्वागत करते हैं। वहीं, मुख्तार अंसारी की मौत पर किए गए सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि माफियाओं पर लगाम लगाना और उनका नामोनिशान मिटाना अलग-अलग चीजें हैं। इस तरह के अंत से वो संतुष्ठ नही हैं। अगर न्यायालय मुकदमा चला करके उनको दंडित करती और वह सजा भुगतते तो उचित रहता। आगे उन्होंने कहा कि माफियाओं पर लगाम लगाने का मतलब है कि उनपर दोष साबित हो और वे कोर्ट द्वारा सुनाई सजा को भोगे। हम चाहते हैं कि माफिया पर लगाम लगे और वह पकड़े जाएं. उनके ऊपर तेजी से ट्रायल हो और दोषी पाए जाने पर उनको सजा हो लेकिन बगैर सजा हुए उनका अंत इस तरह से हो जा रहा है. ये सही नही है!
सीएम अरविंद केजरीवाल पर भी दिया बड़ा बयान
जब शंकराचार्य से अरविंद केजरीवाल के द्वारा जेल में गीता और महाभारत मंगाने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये अच्छा संदेश दिया गया है कि जब हमारे पास समय हो तो हमें सद्ग्रन्थों का पाठ करना चाहिए। ऐसे ग्रंथों का अध्ययन करके केजरीवाल की आत्मा सात्विक बनेगी और अगर वह भ्रष्टाचार किए भी होंगे तो अब वो दूर रहेंगे। सद्ग्रन्थों का अध्ययन करने से ही व्यक्ति में भ्रष्टाचार के प्रति अरुचि उत्पन्न हो जाती है।
ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को लिया आड़े हाथ
जब शंकराचार्य से ज्ञानवापी में हो रहे पूजा को लेकर सवाल पुछा गया तब उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा वह तथ्यों के आधार पर कहा और अच्छा कहा। लेकिन अगर मैं वहां खड़ा होता तो मैं उनसे अनुरोध करता कि पहले भी वहां पूजा हो रही थी और अब फिर शुरू हो गई है जिसे ना रोककर आप उचित कर रहे हैं। लेकिन इतने दिन जिन्होंने हमारी पूजा को रोका और बाधित किया, उसके लिए भी दो शब्द बोलना चाहिए था और उनको दंडित भी किया जाना चाहिए था। कोर्ट अगर ऐसा करती है तभी समझ में आएगा कि न्याय हुआ है।