तेलंगाना सरकार पर वैश्विक शराब कंपनियों, जिनमें डियाजियो, पर्नोड रिकर्ड और कार्ल्सबर्ग शामिल हैं, उनका लगभग 466 मिलियन डॉलर (लगभग ₹4,000 करोड़) बकाया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ये कंपनियां बकाया राशि की मांग कर रही हैं।
यूनाइटेड ब्रुअरीज की आपूर्ति पर रोक की चेतावनी
हेनेकेन के स्वामित्व वाली यूनाइटेड ब्रुअरीज ने भुगतान में देरी और वित्तीय वर्ष 2019-20 के बाद से मूल्य वृद्धि की स्वीकृति न मिलने के कारण तेलंगाना में आपूर्ति रोकने की धमकी दी है। कंपनी का कहना है कि इन कारणों से उसकी वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
तेलंगाना राज्य में शराब कंपनियों को अपनी आपूर्ति राज्य द्वारा संचालित डिपो के माध्यम से करनी होती है, जहां से इसे खुदरा विक्रेताओं को बेचा जाता है। इस प्रणाली के चलते कंपनियां राज्य सरकार पर भुगतान के लिए निर्भर रहती हैं।
राजस्व और भुगतान में देरी के आंकड़े
यूनाइटेड ब्रुअरीज, जो राज्य के 70% बीयर बाजार पर कब्जा रखती है, उनका कहना है कि तेलंगाना सरकार पर उसका ₹660 करोड़ ($77 मिलियन) बकाया है। वहीं, कार्ल्सबर्ग का ₹400 करोड़ ($5 मिलियन) और एबी इनबेव का ₹150 करोड़ ($17 मिलियन) बकाया है। व्हिस्की और स्कॉच उत्पादकों पर बड़ा बकाया है, जिसमें पर्नोड रिकर्ड का ₹1,500 करोड़ ($175 मिलियन) और डियाजियो का ₹1,000 करोड़ ($116.4 मिलियन) शामिल है।
तेलंगाना के मंत्री का बयान
8 जनवरी को तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव ने कहा कि यूनाइटेड ब्रुअरीज ने आपूर्ति को रोकने का निर्णय मूल्य वृद्धि की मांग को लेकर एक “रणनीति” के रूप में लिया है। हालांकि, राव ने भुगतान में देरी के कारणों पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
शराब उद्योग में विवाद और छापेमारी
भारत के शराब बाजार में अनियमितताओं पर भी सवाल उठे हैं। 2022 में, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने पर्नोड रिकर्ड और एबी इनबेव सहित शराब कंपनियों के कार्यालयों पर छापेमारी की थी। इन कंपनियों पर तेलंगाना में खुदरा विक्रेताओं के साथ कथित मूल्य निर्धारण में मिलीभगत का आरोप है।
इसके अलावा, 2018 में भी CCI ने प्रमुख बीयर कंपनियों की संभावित कार्टेल गतिविधियों की जांच शुरू की थी। यह जांच अब भी जारी है और इसने भारत के $7 बिलियन बीयर बाजार की व्यापारिक गतिविधियों पर सवाल खड़े किए हैं।
बकाया का कितना है असर
ब्रुअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने तेलंगाना सरकार को पत्र लिखकर बकाया भुगतान में देरी से हो रही परिचालन समस्याओं पर चिंता व्यक्त की है। इन संगठनों का कहना है कि यह समस्या कंपनियों की निवेश योजनाओं और संचालन को बाधित कर रही है।
तेलंगाना में लगभग 3,000 शराब आउटलेट हैं। 2023 में, इन आउटलेट्स को संचालित करने के लिए लाइसेंस एक लकी ड्रा के माध्यम से वितरित किए गए, जिसमें 1,30,000 आवेदकों ने भाग लिया था। सफल आवेदकों को अगस्त 2023 में लाइसेंस दिए गए, और दिसंबर 2023 से उन्होंने संचालन शुरू किया, जो 2025 तक जारी रहेगा। तेलंगाना सरकार की इन देरी और विवादों से शराब उद्योग में निवेश और भरोसे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।