Vijayadashami 2025 date and time: 1 या 2 अक्टूबर, कब भारत भर में मनाया जाएगा दशहरा ?

Vijayadashami 2025 date and time: 1 या 2 अक्टूबर, कब भारत भर में मनाया जाएगा दशहरा ?
Vijayadashami 2025 date and time: 1 या 2 अक्टूबर, कब भारत भर में मनाया जाएगा दशहरा ?

नई दिल्ली: विजयादशमी 2025, जिसे दशहरा या दसरा के नाम से भी जाना जाता है, इस साल गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025 को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पावन पर्व भगवान राम द्वारा रावण पर विजय और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध का प्रतीक है, जो अच्छाई की बुराई पर हमेशा की जीत का संदेश देता है।

दशहरा पर्व को रामलीला के मंचन, रावण दहन, दुर्गा विसर्जन और पारंपरिक पूजा-अर्चनाओं के माध्यम से बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। बंगाल में इसे विजयादशमी या बिजया दशमी के रूप में मनाया जाता है, जब भक्त माँ दुर्गा को विसर्जन के दौरान विदा करते हैं।

इस दिन विशेष रूप से शाम के समय शमी पूजा, अपराजिता पूजा और सीमा अवलांगन जैसे अनुष्ठान भी सम्पन्न होते हैं, जिन्हें अपरण काल में किया जाता है।

विजयादशमी 2025 की तिथियां और समय:

  • तिथि: गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025
  • दशमी तिथि प्रारंभ: 1 अक्टूबर शाम 7:01 बजे
  • दशमी तिथि समाप्ति: 2 अक्टूबर शाम 7:10 बजे
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:09 से 2:57 बजे (अवधि: 48 मिनट)
  • अपरण पूजा समय (बंगाल): दोपहर 1:21 से 3:45 बजे (अवधि: 2 घंटे 24 मिनट)
  • श्रवण नक्षत्र: 2 अक्टूबर सुबह 9:13 बजे से 3 अक्टूबर सुबह 9:34 बजे तक

विजयादशमी का महत्व:

विजयादशमी केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह धर्म, न्याय और नैतिकता की जीत का सांस्कृतिक उत्सव भी है। यह पर्व भक्तों को सदैव अच्छाई की विजय का संदेश देता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में इसके अलग-अलग रूप देखे जाते हैं, जैसे उत्तर भारत में रामलीला का मंचन, बंगाल में दुर्गा विसर्जन और मैसूर में दशहरा उत्सव। नेपाल में इसे दशैं के रूप में मनाया जाता है, जो वहां का एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है।

विजयादशमी 2025 के अवसर पर पूरे देश में श्रद्धालु आस्था, साहस और भक्ति के साथ इस पर्व को मनाएंगे। रावण दहन, दुर्गा विसर्जन या पूजा अनुष्ठानों के माध्यम से यह पर्व हमें सत्य को अपनाने, नकारात्मकता को दूर करने और विजय को हर्षोल्लास के साथ मनाने की प्रेरणा देता है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।