MahaKumbh 2025: आध्यात्मिक संगम के साथ Guinness World Records में दर्ज हुआ प्रयागराज का नाम

MahaKumbh 2025: आध्यात्मिक संगम के साथ Guinness World Records में दर्ज हुआ प्रयागराज का नाम
MahaKumbh 2025: आध्यात्मिक संगम के साथ Guinness World Records में दर्ज हुआ प्रयागराज का नाम

प्रयागराज: महाकुंभ मेला 2025 न केवल विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है, बल्कि यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बनाने के लिए भी पूरी तरह तैयार है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार इस भव्य आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। मेले में स्वच्छता, सतत विकास और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए कई अभूतपूर्व पहल की जा रही हैं।

महाकुंभ 2025 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की पहल

गिनीज बुक में दर्ज होने के लिए चार बड़े प्रयासों की शुरुआत की गई है:

15,000 सफाईकर्मियों द्वारा स्वच्छता अभियान – गंगा घाटों और कुंभ क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने के लिए 15,000 सफाईकर्मी एक साथ झाड़ू लगा रहे हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा सड़क सफाई अभियान बनने जा रहा है।

जल शुद्धिकरण अभियान – पवित्र त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम) में 300 सफाईकर्मी पानी को स्वच्छ करने के कार्य में जुटे हैं। यह भारत की नदियों की स्वच्छता के प्रति एक ऐतिहासिक प्रयास माना जा रहा है।

सबसे बड़ी ई-रिक्शा परेड – 1,000 ई-रिक्शाओं की एक भव्य परेड का आयोजन किया जा रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल परिवहन और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

हस्तचिह्न चित्रकला अभियान – 10,000 लोगों द्वारा गंगा पंडाल में सिर्फ आठ घंटे में एक भव्य हैंडप्रिंट पेंटिंग तैयार की जा रही है। यह अब तक के सबसे बड़े कला आयोजनों में से एक होगा।

    गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स टीम की भागीदारी

    गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम इस आयोजन को रिकॉर्ड बुक में शामिल करने के लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन के साथ काम कर रही है। महाकुंभ की विशेष अधिकारी (OSD) आकांक्षा राणा के अनुसार, नदी सफाई अभियान पहले ही इतिहास रच रहा है। उनका कहना है कि लोगों में जल स्रोतों को स्वच्छ रखने के प्रति जागरूकता बढ़ाना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है।

    50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया पवित्र स्नान

    महाकुंभ मेला 2025 ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 13 जनवरी 2025 (पौष पूर्णिमा) से शुरू हुए इस आयोजन में अब तक 500 मिलियन (50 करोड़) से अधिक श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। यह संख्या ब्राजील, रूस और अमेरिका जैसे बड़े देशों की जनसंख्या से भी अधिक है।

    महाशिवरात्रि पर होगा समापन

    महाकुंभ 2025 केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास का भी संदेशवाहक बन रहा है। यह भव्य आयोजन 26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि) को संपन्न होगा।

    Digikhabar Editorial Team
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