इंसानियत हुई फिर शर्मसार, पोते ने कैंसर पीड़ित दादी को कचरे के ढेर पर छोड़ा

इंसानियत हुई फिर शर्मसार, पोते ने कैंसर पीड़ित दादी को कचरे के ढेर पर छोड़ा
इंसानियत हुई फिर शर्मसार, पोते ने कैंसर पीड़ित दादी को कचरे के ढेर पर छोड़ा

मुंबई: मुंबई में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 60 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला, जो त्वचा कैंसर (स्किन कैंसर) से पीड़ित है, उनको उनके ही पोते ने कथित तौर पर कचरे के ढेर पर फेंक दिया।

यह भयावह घटना शनिवार सुबह आरे कॉलोनी के यूनिट नंबर 32 के पास सामने आई, जब किसी अज्ञात व्यक्ति ने पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दी कि एक बुजुर्ग महिला बदहाली की स्थिति में कचरे के ढेर पर पड़ी है।

“मुझे मेरे पोते ने यहां छोड़ दिया…”

पुलिस जब मौके पर पहुंची तो महिला को गुलाबी नाइट ड्रेस और ग्रे पेटीकोट में बेहद कमजोर हालत में पाया गया। उसके चेहरे पर कैंसर से जुड़ा गंभीर जख्म और गाल व नाक पर संक्रमित घाव साफ नजर आ रहे थे।

महिला ने बेहद धीमी आवाज में पुलिस से कहा, “मुझे मेरे पोते ने यहां छोड़ दिया।” उसने बताया कि वह पहले मालाड में अपने पोते के साथ रहती थी।

अस्पतालों ने किया इनकार, 8 घंटे बाद हुआ इलाज

कांस्टेबल राठौड़ और महिला कांस्टेबल निकीता कोलेकर ने तुरंत बुजुर्ग को जोगेश्वरी ट्रॉमा केयर हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन अस्पताल ने सुविधाओं की कमी बताकर उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया।

इसके बाद कूपर अस्पताल ले जाया गया, जहां शुरुआत में उन्हें सिर्फ जांच कर वापस भेज दिया गया। आखिरकार, सीनियर इंस्पेक्टर रविंद्र पाटिल की व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बाद शाम 5:30 बजे कूपर अस्पताल में भर्ती लिया गया।

“सरकारी अस्पतालों में इंसानियत कहां है?”

एक पुलिस अधिकारी ने मिड-डे से कहा,

“जब हम एक अनजान के लिए इतना कुछ कर सकते हैं, तो क्या सरकारी अस्पतालों से थोड़ी सी इंसानियत की उम्मीद करना गलत है?”

डॉक्टर का बयान

कूपर अस्पताल के डीन डॉ. सुधीर मेढेकर ने बताया कि महिला के चेहरे और नाक पर अल्सेरोप्रोलिफेरेटिव ग्रोथ है, और प्रारंभिक जांच में इसे बेसल सेल कार्सिनोमा (Basal Cell Carcinoma) बताया गया है।

“फिलहाल उनकी हालत स्थिर है,” डॉ. मेढेकर ने कहा।

अब तक नहीं मिला कोई रिश्तेदार

महिला ने पुलिस को मालाड और कांदिवली के दो पते बताए हैं, लेकिन पुलिस को वहां से कोई सुराग नहीं मिला। आसपास की सड़कों के CCTV फुटेज की जांच की जा रही है, हालांकि जिस जगह महिला मिली थी, वहां कोई कैमरा नहीं है।

आम जनता से अपील

सीनियर इंस्पेक्टर रविंद्र पाटिल ने अपील की है:

“अगर कोई इस महिला को पहचानता है, तो कृपया आरे पुलिस स्टेशन से तुरंत संपर्क करें।”

यह घटना न केवल परिवारिक उपेक्षा का दर्दनाक उदाहरण है, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली की खामियों को भी उजागर करती है। बुजुर्ग महिला फिलहाल इलाजरत है और पुलिस उसकी पहचान और परिवार की तलाश में जुटी है।