जयपुर: राजस्थान विधानसभा ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को अब राजस्थान विधानसभा के पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन मंजूर कर दी है। विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन पर प्रक्रिया पूरी कर दी है और अब उन्हें हर महीने करीब 42 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे, साथ ही पूर्व विधायकों को मिलने वाली अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
धनखड़ ने अगस्त के आखिरी सप्ताह में पेंशन के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा मंजूर होने की तारीख से उनकी पेंशन शुरू कर दी है।
पूर्व विधायक के रूप में धनखड़ का पेंशन का इतिहास
जगदीप धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे। उन्हें जुलाई 2019 तक पेंशन मिल रही थी, लेकिन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद यह पेंशन बंद कर दी गई थी। अब, उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद उनकी पेंशन फिर से बहाल कर दी गई है।
70 साल की उम्र के बाद पेंशन में 20% वृद्धि
नियमों के अनुसार, पूर्व विधायक को पेंशन के तौर पर 35 हजार रुपये मिलते हैं, लेकिन 70 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन में 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है। इस आधार पर, अब धनखड़ को हर महीने 42 हजार रुपये पेंशन मिलेंगे।
पेंशन की प्रक्रिया और नियम
पूर्व विधायक यदि सरकार या संवैधानिक पद पर नियुक्त होते हैं तो उनकी पेंशन बंद कर दी जाती है। हालांकि, उनके कार्यकाल पूरा होने के बाद आवेदन करने पर पेंशन फिर से शुरू की जाती है। धनखड़ की पेंशन भी इसी प्रक्रिया के तहत शुरू की गई है।
धनखड़ के पास तीन पेंशन का हक
अधिकारियों के मुताबिक, धनखड़ तीन पेंशन के हकदार हैं:
- पूर्व उपराष्ट्रपति के रूप में पेंशन,
- पूर्व सांसद के रूप में पेंशन,
- राजस्थान विधानसभा के पूर्व सदस्य के रूप में पेंशन।
हालांकि, पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल होने के कारण उन्हें राज्यपाल पेंशन का लाभ नहीं मिलता है। लेकिन राज्यपाल के तौर पर उन्हें सचिव के रूप में एक कर्मी रखने के एवज में 25,000 रुपये की मासिक प्रतिपूर्ति मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, एक बार के सांसद के रूप में उन्हें 45,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है।
पूर्व उपराष्ट्रपति के लाभ
पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते, धनखड़ को लगभग 2 लाख रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है। इसके अलावा, उन्हें टाइप-8 बंगला, एक निजी सचिव, एक अतिरिक्त निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक चिकित्सक, एक नर्सिंग अधिकारी और चार निजी परिचारक जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।
धनखड़ को उनकी पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके पूर्व सार्वजनिक और संवैधानिक पदों को मान्यता प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह भी दर्शाता है कि पेंशन और अन्य लाभ देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचित नियमों का पालन किया जा रहा है।