Trump की Tariff से भारत को लगा बड़ा झटका, Sun Pharma सहित कई बड़ी कंपनियां चपेट में

Trump की Tariff से भारत को लगा बड़ा झटका, Sun Pharma सहित कई बड़ी कंपनियां चपेट में
Trump की Tariff से भारत को लगा बड़ा झटका, Sun Pharma सहित कई बड़ी कंपनियां चपेट में

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह नीति फिलहाल जेनेरिक दवाओं को छूट देती है, जिससे भारतीय फार्मा उद्योग को अस्थायी राहत मिली है। लेकिन Sun Pharmaceutical Industries Ltd., जो अमेरिका में भारतीय दवाओं की सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता है, इस नई नीति से सबसे अधिक प्रभावित होने वाली कंपनियों में गिनी जा रही है।

क्यों Sun Pharma सबसे अधिक जोखिम में है?

1. ब्रांडेड दवाओं की भारी निर्भरता

Sun Pharma का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका में ब्रांडेड और स्पेशलिटी दवाओं से आता है विशेषकर उसकी अमेरिकी इकाई Taro Pharmaceuticals और DUSA Pharmaceuticals से। इन दोनों की दवाएं उच्च-मूल्य श्रेणी में आती हैं, जिन पर ट्रंप की नई नीति सीधा असर डाल सकती है।

2. अमेरिकी राजस्व पर अत्यधिक निर्भरता

Sun Pharma की कुल वैश्विक बिक्री में से लगभग 30-35% राजस्व अमेरिका से आता है, और उसमें से बड़ा हिस्सा ब्रांडेड दवाओं का है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रंप प्रशासन भविष्य में जेनेरिक पर भी शुल्क लागू करता है या ब्रांडेड छूट और कम कर देता है, तो Sun के मुनाफे पर सीधा प्रहार होगा।

3. स्टॉक में गिरावट

नीति की घोषणा के बाद Sun Pharma का शेयर बीएसई में 4.7% तक गिरा, जो फार्मा सेक्टर में सबसे बड़ी गिरावट थी। निवेशकों में डर है कि कंपनी की उच्च मार्जिन वाली अमेरिकी बिक्री पर चोट लगेगी।
साथ ही, ब्रोकरेज हाउसों ने कंपनी के FY26 के प्रॉफिट ग्रोथ अनुमान में कटौती की है।

अन्य भारतीय कंपनियों की तुलना में स्थिति

  • Cipla और Dr. Reddy’s जैसी कंपनियाँ अधिकतर जेनेरिक दवाओं पर केंद्रित हैं और उनकी ब्रांडेड निर्भरता कम है।
  • Sun Pharma, इसके विपरीत, ब्रांडेड और स्पेशलिटी प्रोडक्ट्स की तरफ काफी बढ़ चुकी है, जिससे टैरिफ के झटके का सीधा असर पड़ रहा है।

Sun Pharma की रणनीतिक प्रतिक्रिया

कंपनी की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार:

  • Sun Pharma अपने अमेरिकी उत्पादन यूनिट्स को मजबूत करने की योजना बना सकती है, जिससे “substantial transformation” नियमों के तहत अमेरिकी टैक्स बचाए जा सकें।
  • कंपनी उभरते बाजारों जैसे यूरोप, एशिया और LATAM (लैटिन अमेरिका) की ओर निर्यात बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि अमेरिकी निर्भरता को संतुलित किया जा सके।
  • R&D और low-risk 505(b)(2) प्रकार की दवाओं पर ध्यान देकर कंपनी ऐसे उत्पाद बनाएगी जिन पर कम प्रतिस्पर्धा हो और जो शुल्क के बावजूद टिकाऊ रह सकें।

विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

ICICI Securities के अनुसार:

“Sun Pharma की ब्रांडेड पोर्टफोलियो और अमेरिकी बाजार पर निर्भरता उसे इस टैरिफ नीति का सबसे बड़ा शिकार बना सकती है।”

Motilal Oswal Financial Services ने कहा:

“अगर ट्रंप की नीति और सख्त होती है या जेनेरिक दवाओं को भी इसमें जोड़ा जाता है, तो Sun Pharma का EBITDA मार्जिन 200–300 बेसिस प्वाइंट तक गिर सकता है।”

ट्रंप की यह नई टैरिफ नीति भारतीय फार्मा उद्योग के लिए एक चेतावनी है लेकिन Sun Pharma के लिए यह एक सीधा जोखिम है। ब्रांडेड दवाओं की लीडर होने के नाते Sun को अपनी रणनीति में तेज़ बदलाव लाना होगा, नहीं तो अमेरिकी बाजार में उसका वर्चस्व कमजोर हो सकता है। कंपनी के आगे की राह इस बात पर निर्भर करेगी कि वह वैश्विक स्तर पर कितनी तेजी से विविधीकरण और उत्पादन रणनीति अपनाती है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।