Amir Hussain Lone को Adani foundation से मिली 70 लाख रुपये की मदद, Jammu Kashmir में होने वाला है कुछ खास

Amir Hussain Lone को Adani foundation से मिली 70 लाख रुपये की मदद, Jammu Kashmir में होने वाला है कुछ खास
Amir Hussain Lone को Adani foundation से मिली 70 लाख रुपये की मदद, Jammu Kashmir में होने वाला है कुछ खास

जम्मू और कश्मीर के पैरा-क्रिकेटर अमीर हुसैन लोन (Amir Hussain Lone) का सपना अब सच हो गया है। वह बच्चों के लिए क्रिकेट अकादमी खोलने में सफल हो गए हैं। आठ साल की उम्र में एक हादसे में दोनों हाथ खोने के बावजूद, अमीर ने कभी अपनी शारीरिक विकलांगता को क्रिकेट के प्रति अपनी लगन के रास्ते में नहीं आने दिया।

अमीर ने अपने खेल के तरीके में एक अनोखा तरीका अपनाया। वह पैरों से गेंदबाजी करते हैं और कंधे और गर्दन से बैटिंग करते हैं। उनकी इस अद्वितीय शैली को देखते हुए, उनके शिक्षक ने उन्हें पैरा-क्रिकेट से परिचित कराया, जो उनके लिए एक नई राह बन गई। इसके बाद अमीर ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनानी शुरू की।

अब 34 साल के अमीर 2013 से पेशेवर क्रिकेट खेल रहे हैं और अफगानिस्तान, नेपाल और यूएई जैसे देशों में कई टूर्नामेंट्स में हिस्सा ले चुके हैं। हालांकि, अपनी शारीरिक स्थिति के बावजूद, उन्हें पैरा-क्रिकेट से अपनी आजीविका चलाने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

लेकिन अमीर की मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस साल एक खास पहचान दिलाई। गौतम अडानी, अडानी ग्रुप के अध्यक्ष, ने अमीर की अदम्य इच्छाशक्ति की सराहना की और पोस्ट के जरिए उन्हें प्रेरणा स्रोत बताया। इसके साथ ही, अडानी फाउंडेशन ने अमीर के सपनों को साकार करने के लिए उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया।

अडानी फाउंडेशन का समर्थन अमीर के लिए एक बड़ा परिवर्तन साबित हुआ। फाउंडेशन ने पहले उन्हें जीवन और करियर को फिर से शुरू करने के लिए आर्थिक मदद दी। इसके बाद, हाल ही में उन्हें ₹70 लाख की राशि दी गई, जिससे वह अपनी गांव वाघमा, अनंतनाग में एक इनडोर क्रिकेट अकादमी खोल सके। अब वह युवा क्रिकेटरों को कोचिंग देने और उनके सपनों को साकार करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

अमीर की मेहनत बचपन से ही दिखने लगी थी। एक बार वह हंसों को तैरते हुए देख रहे थे और उसी से प्रेरित होकर उन्होंने तैराकी सीखने का फैसला किया। ठीक उसी तरह, उन्होंने क्रिकेट को भी अपनी मेहनत और धैर्य से अपनाया और आज उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।

आज, अमीर हुसैन लोणे सिर्फ एक पैरा-क्रिकेटर ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत और युवा खिलाड़ियों के लिए मेंटर बन चुके हैं। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि कठिन मेहनत, संघर्ष और सही समर्थन से किसी भी सपना को हासिल किया जा सकता है।

Digikhabar Editorial Team
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