90 के दशक में बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने अब आधिकारिक रूप से सन्यास ले लिया है और साध्वी बन गई हैं। शुक्रवार सुबह उन्होंने महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा पहुंचकर आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान उनके साध्वी बनने और महामंडलेश्वर के पद को लेकर लगभग एक घंटे तक चर्चा हुई। ममता कुलकर्णी को अब नया नाम ‘श्री यमाई ममता नंदगिरी’ दिया गया है।
महाकुंभ में साध्वी के रूप में नई शुरुआत
ममता कुलकर्णी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे गले में रुद्राक्ष की माला और कंधे पर केसरिया झोला लिए हुए भगवा वस्त्रों में नजर आ रही हैं। ममता ने कहा, “महाकुंभ आना और इसकी भव्यता देखना मेरे लिए एक अविस्मरणीय पल है। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस पवित्र समय की साक्षी बन रही हूं।”
किन्नर अखाड़ा की भूमिका
किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा, “किन्नर अखाड़ा ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने जा रहा है। पिछले डेढ़ साल से ममता हमारे संपर्क में हैं। अब वे साध्वी के रूप में धार्मिक कार्यों और कला को आगे बढ़ा सकती हैं।“
2015 में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किन्नर अखाड़ा की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य किन्नर समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें सम्मान दिलाना है।
सन्यास की प्रेरणा और अनुभव
अपने साध्वी बनने के अनुभव पर ममता ने एएनआई से कहा, “यह महादेव और महाकाली का आदेश था। यह मेरे गुरु का आदेश था। उन्होंने यह दिन चुना। मैंने कुछ नहीं किया।”
ममता कुलकर्णी का बॉलीवुड सफर
90 के दशक की यह मशहूर अभिनेत्री ‘करण अर्जुन’, ‘क्रांतिवीर’, ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’, ‘चाइना गेट’ और ‘आंदोलन’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। उनकी आखिरी हिंदी फिल्म 2002 में रिलीज हुई ‘कभी तुम कभी हम’ थी।
ममता कुलकर्णी का यह परिवर्तन उनकी आध्यात्मिक यात्रा की एक नई शुरुआत है, जो उनके चाहने वालों के लिए एक प्रेरणादायक और दिल को छूने वाला पल है।