Baba Chaitanyanand Case: फर्जी पहचान और करोड़ों की ठगी, छात्राओं से यौन शोषण के आरोपी बाबा चैतन्यनंद गिरफ्तार

Baba Chaitanyanand Case: फर्जी पहचान और करोड़ों की ठगी, छात्राओं से यौन शोषण के आरोपी बाबा चैतन्यनंद गिरफ्तार
Baba Chaitanyanand Case: फर्जी पहचान और करोड़ों की ठगी, छात्राओं से यौन शोषण के आरोपी बाबा चैतन्यनंद गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के श्री शारदा इंस्टीट्यूट की छात्राओं के यौन शोषण के मामले में आरोपी स्वयंभू बाबा चैतन्यनंद सरस्वती की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को कई चौंकाने वाले खुलासे मिले हैं। अपनी असली पहचान छिपाने और फरार रहने के लिए उसने ऐसे तरीके अपनाए जो किसी फिल्म की कहानी जैसे लगते हैं।

दो पासपोर्ट, दो नाम, अलग जन्मस्थान और माता-पिता के नाम

पुलिस जांच में सामने आया कि बाबा के पास दो अलग-अलग पासपोर्ट थे। एक पर नाम ‘स्वामी पार्थ सारथी’ और दूसरे पर ‘स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती’ था। दोनों पासपोर्ट में न सिर्फ नाम अलग थे, बल्कि जन्मस्थान (दार्जिलिंग और तमिलनाडु) और माता-पिता के नाम भी अलग दर्ज थे। उसके पैन कार्ड और बैंक दस्तावेजों में भी भिन्न जानकारियाँ पाई गईं।

जुलाई में विदेश भागा, अगस्त में केस दर्ज

बाबा जुलाई में विदेश भाग गया था, जबकि 6 अगस्त को 17 छात्राओं ने यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई। ये छात्राएं आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से थीं। एफआईआर के बाद बाबा फरार रहा और मथुरा, वृंदावन, आगरा जैसे शहरों के सस्ते होटलों में ठहरता रहा ताकि पुलिस से बच सके।

आधी रात का ऑपरेशन और गिरफ्तारी

27 सितंबर की रात को पुलिस को सूचना मिली कि बाबा आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल में ‘पार्थ सारथी’ के नाम से ठहरा हुआ है। सुबह करीब 3:30 बजे पुलिस ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से मोबाइल, आईपैड और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए।

एफआईआर में दर्ज है कि बाबा रात में छात्राओं को बुलाता था, आपत्तिजनक मैसेज भेजता था और उसकी तीन महिला सहयोगी छात्राओं को चुप रहने के लिए दबाव डालती थीं। वह अपने मोबाइल से छात्रावास और संस्थान के सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड देखता था, जिससे वह छात्राओं की हर गतिविधि पर नजर रखता था।

अंतरराष्ट्रीय संगठनों से जुड़े होने का झूठा दावा

गिरफ्तारी के बाद बरामद विजिटिंग कार्ड में खुद को संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों का प्रतिनिधि बताया गया था। उसने यह भी प्रचार किया था कि उसके सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से संबंध हैं, जिससे उसका संस्थान में प्रभाव बना रहा।

फर्जी बैंक खाते और करोड़ों की संपत्ति

पुलिस को बाबा के नाम कई फर्जी बैंक खातों का पता चला है। एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उसने 50 लाख रुपये की निकासी की थी। पुलिस ने अब तक आठ करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज कर दी है, जिसमें फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य निवेश शामिल हैं।

छात्राओं की मांग: सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, कड़ी सजा चाहिए

फिलहाल बाबा पांच दिन की पुलिस रिमांड में है। पुलिस अब उसकी महिला सहयोगियों से आमने-सामने पूछताछ करेगी और संभव है कि पीड़ित छात्राओं के सामने भी उसे लाया जाएगा। छात्राओं ने गिरफ्तारी पर राहत जताई है, लेकिन उनका कहना है कि असली न्याय तब मिलेगा जब आरोपी को कड़ी सजा दी जाएगी।

एक छात्रा ने कहा, “उम्रकैद जैसी सजा ही ऐसे लोगों के लिए सबक बनेगी। जब तक ऐसा नहीं होता, हमारा दर्द खत्म नहीं होगा।”

इस मामले ने दिल्ली सहित पूरे देश में संस्थानों में मौजूद सत्ता और आस्था के नाम पर चल रहे शोषण की गंभीरता को उजागर किया है। पुलिस की अगली जांच पर अब सबकी नजरें टिकी हैं।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।