केरल से भारतीय जनता पार्टी के पहले सांसद सुरेश गोपी के मंत्री पद छोड़ने की संभावना है। उन्होंने रविवार को केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी। रविवार को तीसरी मोदी सरकार में राज्य मंत्री (MoS) के रूप में शपथ लेने के कुछ घंटों बाद सुरेश गोपी ने संकेत दिया कि वह ‘कैबिनेट से मुक्त होना’ चाहते हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान अभिनेता से नेता बने गोपी का मुख्य चुनावी मुद्दा था कि ‘त्रिशूर के लिए एक केंद्रीय मंत्री, मोदी की गारंटी…।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ट्रोल किए गए एक्शन हीरो सुरेश गोप ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर त्रिशूर सीट जीतकर केरल में बीजेपी के लिए इतिहास रच दिया। इसके साथ ही, केरल में बीजेपी का दशकों का संघर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में रंग लाया और गोपी के जरिए पार्टी का आखिरकार खाता खुला।
जीत के बाद भी गोपी की राजनीतिक पारी में उतार-चढ़ाव देखने को मिले। उन्होंने शुरू में केंद्र सरकार में मंत्री पद स्वीकार करने की अनिच्छा दिखाई थी। वह दो दिन पहले, दिल्ली में NDA सांसदों की बैठक में भाग लेने के बाद केरल लौट आए थे लेकिन रविवार को उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फोन आया और तुरंत दिल्ली पहुंचने को कहा गया।
गोपी ने रविवार शाम राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले गोपी को 2016 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था। उच्च सदन में उनका कार्यकाल 2022 तक रहा।
क्यों देना चाहते हैं इस्तीफा?
शपथ ग्रहण समारोह के बाद गोपी ने दिल्ली में मलयालम टीवी चैनलों से कहा, “मैं एक सांसद के रूप में काम करना चाहता हूं। मेरा रुख यह था कि मुझे यह (कैबिनेट बर्थ) नहीं चाहिए था। मैंने (पार्टी को) बता दिया था कि मुझे इसमें (कैबिनेट बर्थ) कोई दिलचस्पी नहीं है। मुझे लगता है कि मुझे जल्द ही पदमुक्त कर दिया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा, “त्रिशूर के लोग अच्छी तरह जानते हैं। मैं सांसद के तौर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन करूंगा। मैं फिल्मों में अभिनय करना चाहता हूं। पार्टी को फैसला करने दीजिए।” गोपी का यह बयान सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक से कुछ घंटे पहले आया है। 65 वर्षीय गोपी ने कहा कि वह फिल्म उद्योग नहीं छोड़ेंगे क्योंकि अभिनय उनका जुनून है। उनके पास पहले से ही कुछ फिल्म प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं। रविवार को दिल्ली रवाना होने से पहले गोपी ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा, “यह (मंत्रिमंडल में जगह) मोदी का फैसला है। उन्होंने मुझे फोन किया और अपने घर पर रहने के लिए कहा। मैं उनकी बात मान रहा हूं। मुझे और कुछ नहीं पता। मैं एक सांसद बनूंगा जो केरल और तमिलनाडु के लिए काम कर रहा है। मैंने प्रचार के दौरान त्रिशूर के लोगों को पहले ही बता दिया था।”