Share Market में GST रिफॉर्म्स का जादू, सेंसेक्स 888 अंक उछला, निफ्टी ने भी पकड़ी रफ्तार

Share Market में GST रिफॉर्म्स का जादू, सेंसेक्स 888 अंक उछला, निफ्टी ने भी पकड़ी रफ्तार
Share Market में GST रिफॉर्म्स का जादू, सेंसेक्स 888 अंक उछला, निफ्टी ने भी पकड़ी रफ्तार

मुंबई: देशभर में लागू नए जीएसटी सुधारों की घोषणा के बाद आज शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी गई। गुरुवार सुबह बाजार खुलते ही निवेशकों में जबरदस्त उत्साह नजर आया, जिसका असर प्रमुख इंडेक्स पर साफ देखा गया।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 888 अंकों की छलांग के साथ 81,456 पर खुला। वहीं, निफ्टी भी 265 अंकों की मजबूती के साथ 24,980 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया।

जीएसटी काउंसिल के फैसले ने जगाई उम्मीदें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से की गई घोषणा के बाद बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया।

इस बैठक में 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब को खत्म कर, टैक्स सिस्टम को दो प्रमुख स्लैब – 5% और 18% में समाहित करने को मंजूरी दी गई।
इसके साथ ही लग्जरी और सिन गुड्स पर 40% का विशेष टैक्स स्लैब भी निर्धारित किया गया है।

इस सरल टैक्स स्ट्रक्चर का उद्देश्य है:

  • उपभोग को बढ़ावा देना
  • व्यापारियों के लिए अनुपालन आसान बनाना
  • आम लोगों को राहत देना
  • आर्थिक गतिविधियों को गति देना

टॉप गेनर्स: तेजी का नेतृत्व M&M ने किया

सुबह के कारोबार में महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने बाजी मारी और 6.73% की बढ़त के साथ टॉप गेनर रहा। इसके अलावा:

  • बजाज फाइनेंस: 4.70% की तेजी
  • बजाज फिनसर्व: 3.07% की बढ़त
  • आईटीसी: 2.26% ऊपर
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL): 2.13% की तेजी

टॉप लूजर्स: कुछ शेयरों में दिखी हल्की कमजोरी

जहां बाजार में तेजी रही, वहीं कुछ शेयरों में हल्की गिरावट भी दर्ज की गई:

  • इटरनल लिमिटेड: 0.75% की गिरावट
  • टाटा स्टील: 0.36% नीचे
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज: 0.31% की गिरावट
  • एचसीएल टेक: 0.27% कमजोर

निवेशकों में उत्साह, बाजार में बनी उम्मीदों की लहर

नए जीएसटी ढांचे को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
सरल टैक्स ढांचा, उपभोक्ताओं के लिए राहत, और कारोबार में सुगमता जैसे कारकों ने बाजार की धारणा को सकारात्मक बनाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में यह तेजी बरकरार रह सकती है, खासकर जब तक नए टैक्स स्लैब्स का क्रियान्वयन और असर स्पष्ट रूप से सामने आता है।