नई दिल्ली: आज भारतीय शेयर बाजारों में एक बड़ा झटका लगा है। वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के बीच भारतीय शेयर बाजारों में भी खलबली मच गई है। प्रमुख सूचकांकों Sensex और Nifty में 5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है, जो पिछले 12 महीनों में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
आज के शुरुआती व्यापार में Nifty 1,160.8 अंक, यानि 5.06 प्रतिशत गिरकर 21,743.65 पर पहुंच गया, जबकि 30-संस्थाओं वाला BSE Sensex 3,939.68 अंक, यानि 5.22 प्रतिशत गिरकर 71,425.01 तक पहुंच गया।
India VIX में भी बढ़ी घबराहट
इस बीच, India VIX – जो Nifty 50 की अपेक्षित अस्थिरता को मापता है – में भी 56.50 प्रतिशत की उछाल आई है और यह 21.53 तक पहुंच गया है। यह दर्शाता है कि निवेशक अस्थिरता की चिंता में हैं और वे शेयर बाजार में उच्च उतार-चढ़ाव की उम्मीद कर रहे हैं।
Tata Steel और Tata Motors में 10 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट
इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर प्रमुख कंपनियों पर पड़ा है। Tata Steel और Tata Motors ने 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी है। वहीं, Larsen & Toubro, HCL Technologies, Adani Ports, Tech Mahindra, Infosys, Tata Consultancy Services, Reliance Industries, और Mahindra & Mahindra जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयर भी बुरी तरह टूटे हैं। वर्तमान में बाजारों में अस्थिरता की वजह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयात पर अप्रत्याशित शुल्क वृद्धि है, जिससे वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता का माहौल है।
भारत के शेयर बाजारों के इतिहास के सबसे बड़े हादसे
जब शेयर बाजार गिरता है तो वह केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहता। भारत के वित्तीय इतिहास में कुछ बड़े शेयर बाजार क्रैश भी हुए हैं, जो आज तक याद किए जाते हैं:
- Harshad Mehta Scam Crash (1992): 28 अप्रैल 1992 को हुए इस घटनाक्रम ने भारतीय शेयर बाजार में सबसे बड़ी गिरावट का सामना कराया था, जब Sensex 570 अंक (12.7 प्रतिशत) गिरा था।
- Ketan Parekh Scam Crash (2001): 2 मार्च 2001 को केतन पेरेख के स्कैम के बाद Sensex में 176 अंक (4.13 प्रतिशत) की गिरावट आई थी।
- Election Shock Crash (2004): 17 मई 2004 को यूपीए के अप्रत्याशित विजय के बाद Sensex में 11.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
- Global Financial Crisis Crash (2008): 21 जनवरी 2008 को वैश्विक मंदी के डर से Sensex में 1,408 अंक (7.4 प्रतिशत) की भारी गिरावट आई थी।
- COVID-19 Pandemic Crash (2020): 23 मार्च 2020 को कोरोना महामारी के चलते Sensex में 3,935 अंक (13.2 प्रतिशत) की गिरावट आई थी, जो भारतीय शेयर बाजार की सबसे बड़ी गिरावट थी।
निवेशकों में घबराहट
शेयर बाजार की गिरावट ने निवेशकों के बीच घबराहट बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अस्थिरता कुछ समय तक बनी रह सकती है, और निवेशकों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।