कोटद्वार/देहरादून: देशभर में चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने वानतारा रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, और उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को अंकिता की हत्या का दोषी करार दिया है। हालांकि सजा पर फैसला अभी आना बाकी है।
पौड़ी गढ़वाल जिले के इस हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। 100 मीटर की परिधि को ‘जीरो जोन’ घोषित किया गया था, जिसमें केवल सरकारी कर्मचारी और कोर्ट में पेश होने वाले लोग ही प्रवेश कर सकते थे। पौड़ी के एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि कोर्ट की सुरक्षा में जिला और आस-पास के इलाकों से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
माँ का बयान: “कातिलों को हो फांसी”
अंकिता की माँ सोनी देवी ने मीडिया से बात करते हुए भावुक अपील की, “कातिलों को फांसी की सजा दी जाए। मैं उत्तराखंड की जनता से अपील करती हूँ कि हमारे साथ खड़े रहें और कोर्ट आकर हमारा हौसला बढ़ाएं।”
कौन थी अंकिता भंडारी?
अंकिता भंडारी, पौड़ी जिले की निवासी थी और ऋषिकेश स्थित वानतारा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थीं। 18 सितंबर 2022 को उसे उस समय मार दिया गया, जब उसने एक वीआईपी मेहमान को “अतिरिक्त सेवाएं” देने से इनकार कर दिया। आरोपियों ने उसे चिल्ला बैराज में धक्का देकर मार डाला। उसका शव 24 सितंबर को नहर से बरामद किया गया। यह मामला पूरे उत्तराखंड को झकझोर देने वाला बन गया था।
घटनाक्रम
- SIT गठित कर गहन जांच की गई।
- आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया।
- 500 पेज की चार्जशीट में 100 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
- आरोपियों के जमानत याचिकाएं बार-बार खारिज हुईं।
- राज्य सरकार ने परिवार को ₹25 लाख की मदद दी।
- अंकिता के पिता और भाई को सरकारी नौकरी प्रदान की गई।
- अभियोजन की तरफ से 47 प्रमुख गवाह पेश किए गए।
VIP एंगल का विवाद
पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य, जो कि एक भाजपा नेता थे, उन्हें बेटे का नाम सामने आते ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। हालांकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने वीआईपी एंगल को उठाया, लेकिन कोर्ट में इसे गंभीरता से प्रस्तुत नहीं किया गया, जिस पर अब सवाल उठ रहे हैं।
अंतिम सुनवाई का समय
- केस की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को हुई।
- 28 मार्च 2023 से गवाहियों की प्रक्रिया शुरू हुई।
- 2 साल 8 महीने तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने आज फैसला सुनाया।
आगे क्या?
अब पूरा देश इस बात की प्रतीक्षा कर रहा है कि कोर्ट इन दोषियों को क्या सजा सुनाती है — क्या उन्हें मृत्युदंड दिया जाएगा, जैसा कि पीड़ित परिवार मांग कर रहा है, या आजीवन कारावास? अदालत जल्द ही इसकी घोषणा करेगी।