आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आगामी 5 मार्च से 15 मार्च 2024 तक पंजाब के होशियारपुर स्थित एक विपश्यना ध्यान केंद्र में 10 दिन की साधना करेंगे। यह कदम दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) की बड़ी हार के बाद उठाया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल की यह ध्यान साधना व्यक्तिगत रूप से एक ब्रेक लेने की योजना के तहत है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में AAP को 70 सीटों में से केवल 22 सीटें मिलीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 48 सीटों के साथ जीत हासिल की। इस हार के बाद, केजरीवाल का ध्यान साधना एक ऐसा अवसर माना जा रहा है, जो उन्हें अपनी और पार्टी की स्थिति पर पुनः विचार करने का समय देगा।
इसके पहले, केजरीवाल ने दिसंबर 2023 में भी एक ऐसा ही ध्यान साधना किया था, जब वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहे थे, जो कि एक्साइज पॉलिसी से जुड़ा था।
दिल्ली विधानसभा चुनावों के परिणामों ने दिल्ली के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में बड़ा बदलाव किया है। 2015 से पार्टी की सत्ता में रहने के बाद AAP को यह हार सहनी पड़ी। इस चुनाव में AAP के कई प्रमुख नेता, जैसे मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन, भी हार गए, जिससे पार्टी में आंतरिक समीक्षा का माहौल बना।
AAP के प्रदेश प्रभारी गोपाल राय ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि केवल वे नेता जिन्हें चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें संगठन में जिम्मेदारियां दी जाएंगी। केजरीवाल का पंजाब दौरा कांग्रेस के उन आरोपों के बीच हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि कई AAP विधायक कांग्रेस में शामिल होने का विचार कर रहे हैं। हालांकि, AAP ने इन अफवाहों का खंडन किया है और यह भी कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की जगह लेने की कोई योजना नहीं है।
AAP के लिए इस समय अपनी एकता और दिशा बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि पार्टी अपनी नेतृत्व क्षमता को बनाए रखते हुए आगामी चुनावों के लिए तैयार हो सके। केजरीवाल का यह ध्यान साधना व्यक्तिगत और राजनीतिक दृष्टिकोण से एक पुनः-सेट के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें वह पार्टी की भविष्य की रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं।
हालांकि, AAP ने पार्टी के अंदर किसी भी प्रकार की उथल-पुथल से इनकार किया है और नेतृत्व की स्थिरता पर पूरा भरोसा जताया है। केजरीवाल के इस ध्यान साधना के दौरान, पार्टी के संगठनात्मक बैठकें चुनावी हार और आगामी रणनीतियों पर विचार-विमर्श करेंगी।