नई दिल्ली: हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने गिरावट के साथ शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 173.88 अंक या 0.21 प्रतिशत टूटकर 80,809.43 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 64.20 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,772.10 पर कारोबार करता नजर आया।
स्मॉलकैप और मिडकैप में बढ़त, ऑटो सेक्टर चमका
सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में बढ़त देखने को मिल रही है, जबकि लार्जकैप इंडेक्स में हल्की गिरावट दर्ज की गई। ऑटो सेक्टर में खास उछाल देखने को मिला और यह इंडेक्स 282.48 अंक या 0.48 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,537.82 पर पहुंच गया। टाटा मोटर्स इस सेक्टर में सबसे आगे रही।
आज के टॉप गेनर्स
- टाटा स्टील
- एक्सिस बैंक
- टाटा मोटर्स
- भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
- कोटक महिंद्रा बैंक
आज के टॉप लूजर्स
- महिंद्रा एंड महिंद्र
- बजाज फाइनेंस
- बजाज फिनसर्व
- मारुति सुजुकी
- हिंदुस्तान यूनिलीवर
वैश्विक बाजारों से मिले-जुले संकेत
अमेरिकी बाजारों में तेजी का सिलसिला जारी है, शटडाउन की आशंका के बावजूद वॉल स्ट्रीट लगातार मजबूत बना हुआ है। डाओ जोंस दो दिनों में लगभग 125 अंक चढ़कर नए उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। नैस्डैक में 180 अंकों की तेज बढ़त देखने को मिली और यह ऑल-टाइम हाई पर पहुंचा। एसएंडपी इंडेक्स भी लाइफ हाई पर बंद हुआ।
कमोडिटी मार्केट में हलचल, सोना-चांदी के दाम रिकॉर्ड स्तर पर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने ने $3,920 प्रति औंस का लाइफटाइम हाई छूने के बाद $40 की गिरावट दर्ज की। चांदी भी 2 प्रतिशत फिसली। घरेलू बाजार में सोना ₹1,18,444 और चांदी ₹1,45,715 प्रति किलो के साथ ऑल-टाइम हाई पर पहुंच चुके हैं। दूसरी ओर, कच्चे तेल की कीमतों में बीते दो दिन में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई है, और यह 4 महीने के निचले स्तर $65 प्रति बैरल से नीचे आ गया है।
बेस मेटल्स में तेजी
बेस मेटल्स में मजबूती बनी रही। एलएमई कॉपर 16 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, वहीं जिंक भी 10 महीने के शिखर पर कारोबार करता दिखा।
भारतीय बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
भारतीय शेयर बाजार में बीते कुछ सत्रों से गिरावट का सिलसिला जारी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद फार्मा सेक्टर में भारी गिरावट आई है, जिससे बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा है। इसके अलावा, बुधवार को हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया, जिससे भी बाजार की धारणा पर असर पड़ा। ग्लोबल संकेतों की मजबूती के बावजूद घरेलू कारकों की वजह से भारतीय शेयर बाजार दबाव में नजर आ रहा है। निवेशकों को सतर्क रहकर अगले कदम उठाने की सलाह दी जा रही है।
 
            
 
		