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Bihar Election 2025: गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार को बताया CM Face, कहा एनडीए में नहीं है कोई मतभेद

Bihar Election 2025: गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार को बताया CM Face, कहा एनडीए में नहीं है कोई मतभेद
Bihar Election 2025: गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार को बताया CM Face, कहा एनडीए में नहीं है कोई मतभेद

पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होती जा रही है। केंद्र सरकार में मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने बुधवार को पुष्टि की कि बिहार में नीतीश कुमार ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। गिरिराज सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “नीतीश कुमार ही आगामी चुनाव में एनडीए के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।”

एनडीए में नहीं है कोई मतभेद: गिरिराज सिंह

गिरिराज सिंह ने एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर किसी भी तरह के मतभेद की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि गठबंधन में सभी दलों के बीच बातचीत जारी है और जल्द ही सीट बंटवारे का अंतिम फॉर्मूला सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा, “एनडीए में कोई नाराजगी नहीं है। सभी बातें ठीक चल रही हैं। जल्द ही सीटों का फॉर्मूला सार्वजनिक होगा।”

विपक्ष पर निशाना

गिरिराज सिंह ने विपक्षी गठबंधन INDIA पर भी निशाना साधते हुए उसे “बिखरा हुआ घर” बताया। उन्होंने कांग्रेस के उस हालिया बयान का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि तेजस्वी यादव केवल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, महागठबंधन के नहीं। गिरिराज सिंह ने दावा किया कि इस बयान से राजद के भीतर असंतोष फैल गया है और लालू यादव भी इस स्थिति से चिंतित हैं। उन्होंने कहा, “महागठबंधन में नेतृत्व तय नहीं है, जबकि एनडीए की नीति, नेतृत्व और नीयत पूरी तरह स्पष्ट है।”

मांझी की मांग: ‘हो न्याय अगर तो आधा दो’

वहीं एनडीए के एक और घटक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के लिए अधिक सीटों की मांग करते हुए चुनावी कविता का सहारा लिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर रामधारी सिंह दिनकर की कविता “हो न्याय अगर तो आधा दो” उद्धृत करते हुए लिखा, “पर उसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम।”

मांझी ने साफ किया कि उनकी पार्टी 243 विधानसभा सीटों में से 15 सीटों पर संतुष्ट रहेगी, जिससे एनडीए में कोई टकराव ना हो। उन्होंने यह भी जोड़ा कि हम को चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त दल बनने के लिए कम से कम 15 सीटों की आवश्यकता है।

एनडीए में शामिल दल

बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में फिलहाल नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू), चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा और मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा शामिल हैं। मांझी ने वर्ष 2015 में जदयू से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई थी।

चुनाव कार्यक्रम

बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। एनडीए की ओर से नीतीश कुमार को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किए जाने से बिहार की राजनीति में अब मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। महागठबंधन की अंदरूनी खींचतान के बीच एनडीए ने अपने रणनीतिक और नेतृत्वात्मक मोर्चे को मजबूत करने की कोशिश की है।

Premanand Ji Maharaj News: किडनी की बीमारी से जूझ रहे संत प्रेमानंद महाराज की तबीयत में सुधार, आश्रम में चल रहा इलाज

Premanand Ji Maharaj News: किडनी की बीमारी से जूझ रहे संत प्रेमानंद महाराज की तबीयत में सुधार, आश्रम में चल रहा इलाज
Premanand Ji Maharaj News: किडनी की बीमारी से जूझ रहे संत प्रेमानंद महाराज की तबीयत में सुधार, आश्रम में चल रहा इलाज

वृंदावन: प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज की तबीयत में अब धीरे-धीरे सुधार देखा जा रहा है। वृंदावन के केली कुंज आश्रम में उनका इलाज चल रहा है, जहां वह फिलहाल स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। हाल ही में सामने आए एक वीडियो में प्रेमानंद महाराज स्वयं अपने स्वास्थ्य की जानकारी देते नजर आए। उन्होंने बताया कि उनके हाथ अब काम करने लगे हैं, आंखें खुल रही हैं और कल की अपेक्षा स्थिति बेहतर है।

किडनी की बीमारी से लंबे समय से पीड़ित

प्रेमानंद महाराज किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें नियमित रूप से डायलिसिस करवाना पड़ रहा है। पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत नाजुक बनी हुई है, जिसके कारण वह अपनी नियमित पदयात्रा पर भी नहीं जा पा रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति से भक्तों में चिंता का माहौल है। आश्रम प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि महाराज की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए उनकी सभी यात्राएं अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई हैं।

आंखों में सूजन, चेहरा सुर्ख लाल

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में प्रेमानंद महाराज की खराब तबीयत साफ देखी जा सकती है। वीडियो में उनका चेहरा लाल दिखाई दे रहा है, आंखों में सूजन है और उनकी आवाज भी कमजोर पड़ चुकी है। दोनों हाथों पर पट्टियां बंधी हुई हैं, और उनके शरीर में सूजन भी बनी हुई है। इसके बावजूद उन्होंने अपने भक्तों को ज्ञान देने का सिलसिला नहीं रोका है और वह रात में भी प्रवचन कर रहे हैं।

भक्तों से अपील: दर्शन के लिए मार्ग में प्रतीक्षा न करें

आश्रम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि महाराज फिलहाल बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, इसलिए भक्तगण मार्ग में उनके दर्शन की प्रतीक्षा न करें। प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य फिलहाल प्राथमिकता है और उन्हें पूर्ण आराम की आवश्यकता है।

कष्ट में भी सेवा भाव

वीडियो में प्रेमानंद महाराज ने यह भी बताया कि वह कष्ट में होते हुए भी भक्तों की सेवा क्यों कर रहे हैं। उनका कहना था कि जीवन का उद्देश्य केवल शरीर को सुख देना नहीं, बल्कि दूसरों के लिए जप, तप और सेवा करना है। प्रेमानंद जी महाराज की तबीयत में सुधार की खबर उनके करोड़ों भक्तों के लिए राहत की बात है। हालांकि अभी उनका इलाज जारी है और पूरी तरह स्वस्थ होने में समय लग सकता है। आश्रम प्रशासन और उनके अनुयायी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव नहीं बनेंगे सीएम, महागठबंधन में सीट बंटवारा और नेतृत्व को लेकर मचा घमासान

Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव नहीं बनेंगे सीएम, महागठबंधन में सीट बंटवारा और नेतृत्व को लेकर मचा घमासान
Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव नहीं बनेंगे सीएम, महागठबंधन में सीट बंटवारा और नेतृत्व को लेकर मचा घमासान

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, लेकिन चुनावी तैयारियों के इस निर्णायक दौर में जहां दलों को एकजुट होकर रणनीति बनानी चाहिए, वहीं महागठबंधन गहरे अंतर्विरोधों में उलझा हुआ है। सीटों के बंटवारे से लेकर मुख्यमंत्री पद के चेहरे तक, महागठबंधन में मतभेद गहराते जा रहे हैं। समय के साथ समाधान निकलने के बजाय विवाद और जटिल होता दिख रहा है, जिससे गठबंधन की चुनावी संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं।

सीटों पर ‘सम्मानजनक हिस्सेदारी’ की खींचतान

महागठबंधन के प्रमुख दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर गंभीर मतभेद हैं। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने शुरुआत में ही 70–75 सीटों की मांग रखी थी, जबकि राजद अधिकतम 50–55 सीटें देने पर ही सहमत था। बातचीत कुछ समय तक 55 सीटों पर टिकी रही, लेकिन कांग्रेस ने अब एक नई सूची सौंपकर अपनी मांग फिर से 70 के पार पहुंचा दी है।

राजद का तर्क है कि 2015 में कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 पर जीत मिली थी, जबकि 2020 में 70 सीटों पर चुनाव लड़े जाने के बावजूद कांग्रेस केवल 19 सीटें ही जीत सकी थी। इसी के आधार पर राजद कांग्रेस को सीमित सीटें देने की बात कर रहा है।

कांग्रेस का दावा: संगठन मजबूत, हक बराबरी का

कांग्रेस नेतृत्व का कहना है कि पार्टी अब पहले से अधिक मजबूत है और उसका जमीनी नेटवर्क बेहतर हुआ है। ऐसे में उसे एक सहयोगी नहीं बल्कि समान भागीदार के रूप में देखा जाए। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि जब महागठबंधन में छोटे दलों जैसे विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और वामपंथी दलों को सम्मानजनक हिस्सेदारी दी जा सकती है, तो कांग्रेस की मांग भी वाजिब है।

नेतृत्व पर भी नहीं बनी सहमति

सीट बंटवारे के अलावा महागठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर भी मतभेद साफ नजर आ रहे हैं। राजद जहां तेजस्वी यादव को गठबंधन का स्वाभाविक चेहरा मानता है, वहीं कांग्रेस इसमें एकमत नहीं है। कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि तेजस्वी राजद के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन महागठबंधन का चेहरा तय करने के लिए लोकसभा चुनावों में मिले वोट प्रतिशत और सहयोगी दलों की सहमति जरूरी है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदय राज ने तेजस्वी की दावेदारी को सिरे से खारिज कर दिया है। दूसरी ओर, वाम दल और वीआईपी तेजस्वी के नेतृत्व को स्वीकार करते हैं।

असंतुलन से गठबंधन के टूटने का डर

राजद को इस बात का डर भी सता रहा है कि अगर कांग्रेस दबाव बनाना जारी रखती है, तो इससे अन्य सहयोगी दलों का संतुलन बिगड़ सकता है। ऐसे में गठबंधन की एकजुटता खतरे में पड़ सकती है। फिलहाल महागठबंधन की ओर से यही संदेश देने की कोशिश हो रही है कि सब कुछ सामान्य है, लेकिन अंदरखाने चल रही खींचतान इस बात का संकेत है कि गठबंधन में विश्वास का संकट भी पैदा हो चुका है।

चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर जारी तनातनी अभी तक सुलझ नहीं सकी है। यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो इसका सीधा असर चुनावी प्रदर्शन पर पड़ सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महागठबंधन चुनावी मैदान में एकजुट हो पाता है या फिर अंदरूनी कलह उसके लिए चुनौती बन जाती है।

Bihar Election 2025: सीट बंटवारे पर फंसे चिराग पासवान, प्रशांत किशोर से गठबंधन की अटकलें तेज

Bihar Election 2025: सीट बंटवारे पर फंसे चिराग पासवान, प्रशांत किशोर से गठबंधन की अटकलें तेज
Bihar Election 2025: सीट बंटवारे पर फंसे चिराग पासवान, प्रशांत किशोर से गठबंधन की अटकलें तेज

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और राज्य में दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण के लिए 6 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इसी बीच बिहार की राजनीति में एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिल सकता है, जहां लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा जोर पकड़ रही है।

चिराग-प्रशांत गठबंधन की संभावना

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, एलजेपी के सूत्रों ने यह संकेत दिया है कि चिराग पासवान और प्रशांत किशोर के बीच बिहार चुनाव को लेकर गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता है, तो यह राज्य की राजनीति में एक बड़ा प्रयोग और समीकरण बदलने वाला कदम साबित हो सकता है।

चिराग पासवान इस समय एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं और केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। बावजूद इसके, सीटों के बंटवारे को लेकर उनकी नाराजगी स्पष्ट नजर आ रही है।

सीट बंटवारे पर एनडीए में खींचतान

चिराग पासवान बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि बीजेपी reportedly सिर्फ 25 सीटें देने के लिए तैयार है। चिराग का तर्क है कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी पर जीत हासिल की। ऐसे में उन्हें विधानसभा में भी मजबूत हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।

इस मुद्दे पर बीजेपी और लोजपा के बीच बातचीत जारी है। हाल ही में चिराग के दिल्ली स्थित आवास पर बीजेपी नेताओं धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और मंगल पांडेय ने मुलाकात कर चर्चा की। इससे पहले चिराग ने स्पष्ट कर दिया था कि सीट बंटवारे की बात केवल बीजेपी से होगी, न कि जेडीयू से।

‘अबकी बार, युवा बिहारी’ सीएम पद की महत्वाकांक्षा?

एलजेपी द्वारा बुधवार सुबह ‘अबकी बार, युवा बिहारी’ का नारा देते हुए एक पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, जिससे चिराग की मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं। युवा नेता के रूप में चिराग खुद को बिहार के विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं।

बीजेपी पर बढ़ा दबाव

प्रशांत किशोर के साथ संभावित गठबंधन की अटकलों ने बीजेपी पर भी दबाव बढ़ा दिया है। लोजपा की तरफ से ‘सम्मानजनक’ सीटों की मांग की जा रही है। यदि चिराग एनडीए से अलग होकर प्रशांत किशोर के साथ चुनावी तालमेल करते हैं, तो यह बीजेपी की रणनीति को बड़ा झटका दे सकता है।

बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन, सीट बंटवारे और रणनीति को लेकर घमासान अपने चरम पर है। चिराग पासवान और प्रशांत किशोर की संभावित नजदीकियों ने इस चुनावी समर को और दिलचस्प बना दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि चिराग पासवान एनडीए के साथ बने रहते हैं या नया रास्ता चुनते हैं।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सेना की बड़ी कार्रवाई, 19 TTP आतंकवादी ढेर, 11 सैनिक शहीद

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सेना की बड़ी कार्रवाई, 19 TTP आतंकवादी ढेर, 11 सैनिक शहीद
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सेना की बड़ी कार्रवाई, 19 TTP आतंकवादी ढेर, 11 सैनिक शहीद

नई दिल्ली: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित ओरकज़ई ज़िले में एक खुफिया सूचना पर आधारित सैन्य अभियान के दौरान 19 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। यह जानकारी पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग ने दी। इस अभियान में 11 पाकिस्तानी सैनिकों के भी शहीद होने की पुष्टि हुई है।

यह ऑपरेशन 7-8 अक्टूबर की रात को चलाया गया था। ओरकज़ई ज़िला अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और लंबे समय से आतंकवादियों की गतिविधियों का केंद्र रहा है।

“फितना अल-खवारिज” के खिलाफ अभियान

सेना ने बयान में बताया कि यह कार्रवाई प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद की गई। बयान में TTP को “फितना अल-खवारिज” के रूप में संबोधित किया गया है, जो कि इस आतंकी संगठन के लिए प्रयुक्त एक विशेष इस्लामी शब्द है, जिसका उपयोग उनके विचारधारा और कार्यों की निंदा में किया जाता है।

सीमावर्ती इलाका बना चुनौती

ओरकज़ई और खैबर पख्तूनख्वा के अन्य ज़िले अफगान सीमा से लगे होने के कारण लंबे समय से आतंकियों की घुसपैठ और ठिकानों के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। पाकिस्तान सेना द्वारा चलाया गया यह ऑपरेशन इस बात का संकेत है कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान अभी भी पूरी ताकत के साथ जारी है।

बढ़ती आतंकवादी गतिविधियां

हाल के वर्षों में पाकिस्तान के इन इलाकों में TTP की गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है। खासकर अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद, पाकिस्तानी तालिबान ने भी अपने हमले तेज किए हैं। इससे पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर चुनौती मिल रही है।

सेना ने अपने बयान में यह भी कहा है कि आतंकवादियों की धरपकड़ और सफाया करने के लिए और भी अभियान चलाए जाएंगे ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल की जा सके।

निष्कर्ष

यह अभियान पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, लेकिन इसमें हुए सैनिकों के बलिदान ने इस संघर्ष की गंभीरता को भी उजागर किया है। सरकार और सेना अब इस क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ और भी कठोर कदम उठाने के संकेत दे रही है।

Sameer Wankhede की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने Shah Rukh Khan और रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट को भेजा नोटिस

Sameer Wankhede की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने Shah Rukh Khan और रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट को भेजा नोटिस
Sameer Wankhede की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने Shah Rukh Khan और रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट को भेजा नोटिस

नई दिल्ली: आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा शाहरुख खान और गौरी खान की कंपनी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट, नेटफ्लिक्स और अन्य के खिलाफ दायर मानहानि याचिका पर आज 8 अक्टूबर 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। वानखेड़े का आरोप है कि वेब सीरीज “The Bads of Bollywood” में उन्हें नकारात्मक और भ्रामक रूप से दर्शाया गया है, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।

न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कुमार कौरव की अदालत ने नेटफ्लिक्स और रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट को नोटिस जारी कर उनके जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हालांकि कोर्ट ने अब तक कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन प्रतिवादियों को निर्देश दिया गया है कि वे वानखेड़े की उस मांग पर अपना पक्ष रखें, जिसमें उन्होंने सीरीज के कथित आपत्तिजनक कंटेंट को विभिन्न वेबसाइट्स से हटाने की मांग की है।

अदालत में क्या हुआ?

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने समीर वानखेड़े को निर्देश दिया था कि वे अपनी याचिका को संशोधित कर यह स्पष्ट करें कि यह याचिका दिल्ली में क्यों दायर की गई है। इसके बाद सीनियर एडवोकेट संदीप सेठी ने कोर्ट में संशोधित याचिका प्रस्तुत की और उसमें तर्क दिए कि यह मामला दिल्ली में सुनवाई योग्य है।

दूसरी ओर, नेटफ्लिक्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कोर्ट में दलील दी कि सभी पक्ष एक ही स्थान पर निवास नहीं करते, इसलिए यह मामला दिल्ली में विचारणीय नहीं है।

₹2 करोड़ का हर्जाना, कैंसर पीड़ितों को दान का प्रस्ताव

समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में ₹2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें यह राशि मिलती है तो वह इसे टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को दान करेंगे ताकि कैंसर पीड़ितों की मदद की जा सके।

याचिका में कहा गया है कि यह वेब सीरीज नशीले पदार्थों के खिलाफ काम करने वाली एजेंसियों की छवि को धूमिल करती है और जनता के बीच कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रति विश्वास को कमजोर करती है।

आर्यन खान केस का जिक्र

याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि यह सीरीज एक पूर्व नियोजित प्रयास है, जिसका उद्देश्य वानखेड़े को बदनाम करना है। गौरतलब है कि समीर वानखेड़े ने ही शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया था, जो मामला अब भी बॉम्बे हाईकोर्ट और एनडीपीएस स्पेशल कोर्ट में अपील के तौर पर लंबित है।

अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को

कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों से जवाब दाखिल करने को कहा है और इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर 2025 की तारीख निर्धारित की है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या कोर्ट इस वेब सीरीज के कंटेंट को हटाने का कोई आदेश देती है या यह मामला और लंबा खिंचता है।

Bihar Election 2025: सीट बंटवारे पर NDA में खींचतान, चिराग पासवान के पोस्ट से बढ़ी अटकलें

Bihar Election 2025: सीट बंटवारे पर NDA में खींचतान, चिराग पासवान के पोस्ट से बढ़ी अटकलें
Bihar Election 2025: सीट बंटवारे पर NDA में खींचतान, चिराग पासवान के पोस्ट से बढ़ी अटकलें

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान अब सतह पर आती दिख रही है। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक ऐसा पोस्ट किया है, जिसने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को और हवा दे दी है।

बुधवार को अपने पिता और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर चिराग ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक लेकिन सियासी रूप से महत्वपूर्ण संदेश पोस्ट किया। उन्होंने लिखा:

“पापा हमेशा कहते थे, अन्याय मत करो और अन्याय मत सहो। जीना है तो मरना सीखो, हर कदम पर लड़ना सीखो।”

इस पोस्ट को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान सीधे तौर पर एनडीए में सीटों को लेकर चल रही रस्साकशी की ओर इशारा करता है।

एनडीए में सीटों को लेकर गतिरोध

बिहार चुनाव के लिए एनडीए अब तक सीटों के बंटवारे की घोषणा नहीं कर पाया है। जानकारी के अनुसार, बीजेपी और जेडीयू दोनों 103-103 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रहे हैं। वहीं जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) 15 से 18 सीटों की मांग कर रही है, जबकि बीजेपी सिर्फ 7-8 सीटें देने को तैयार है।

इसी तरह, चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) ने 40 से 50 सीटों की मांग की है। लेकिन बीजेपी की ओर से अब तक सिर्फ 20 सीटें देने का प्रस्ताव सामने आया है। चिराग की पार्टी ने उन विधानसभा क्षेत्रों पर जोर दिया है जहां उन्हें जीत की संभावना अधिक लगती है। पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जिन पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें से हर एक में दो-दो विधानसभा सीटें मांगी हैं।

चिराग पासवान का जवाब टालू, लेकिन सख्त संकेत

पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने सीट बंटवारे पर पूछे गए सवालों को टालते हुए कहा कि, “बातचीत चल रही है। अभी प्रारंभिक चरण है। समय आने पर जानकारी दी जाएगी।”

हालांकि उन्होंने साफ किया कि चर्चा पूरी तरह खत्म नहीं हुई है, लेकिन उनके बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया है कि क्या एलजेपी (रामविलास) एनडीए से नाराज़ है या कोई नया सियासी विकल्प तलाश रही है।

आज पटना में अहम बैठक

बुधवार को पटना में एनडीए की एक अहम बैठक होने जा रही है जिसमें बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), हम और अन्य घटक दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे। इस बैठक में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगर सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनती है, तो एनडीए में दरार गहराई तक जा सकती है। चिराग पासवान के तल्ख तेवर और सोशल मीडिया पर उनके कड़े संदेश इसे और संकेत देते हैं।

अब देखना होगा कि एनडीए गठबंधन इस अंदरूनी खींचतान को कैसे सुलझाता है और क्या चिराग पासवान को उनकी मांग के मुताबिक सीटें मिल पाती हैं या नहीं।

Zubeen Garg death case: सिंगापुर में संदिग्ध मौत के मामले में चचेरा और असम पुलिस के DSP संदीपन गर्ग गिरफ्तार, साजिश का हुआ खुलासा

Zubeen Garg death case: सिंगापुर में संदिग्ध मौत के मामले में चचेरा और असम पुलिस के DSP संदीपन गर्ग गिरफ्तार, साजिश का हुआ खुलासा
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गुवाहाटी: प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग की सिंगापुर में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। बुधवार को असम पुलिस के उप अधीक्षक (DSP) और जुबिन के चचेरे भाई संदीपन गर्ग को गिरफ्तार कर लिया गया। संदीपन गर्ग सिंगापुर में उस वक्त जुबिन के साथ मौजूद थे, जब वह समुद्र में डूबे थे।

असम CID के स्पेशल डीजीपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “हमने संदीपन गर्ग को गिरफ्तार कर लिया है। अब कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।” अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अदालत में पेश किया गया है और पुलिस रिमांड की मांग की जा रही है।

यह इस मामले में अब तक की पांचवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंता, जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और दो बैंड सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंता को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी फिलहाल पुलिस रिमांड में हैं।

जुबिन को ज़हर दिया गया था: बैंड सदस्य का आरोप

इस केस में गिरफ्तार किए गए बैंड सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी ने दावा किया है कि जुबिन को जानबूझकर ज़हर दिया गया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और फेस्टिवल आयोजक श्यामकानु महंता ने साजिश के तहत जुबिन को सिंगापुर में ज़हर देकर मारने की योजना बनाई थी।

PTI के अनुसार, पुलिस द्वारा दायर ‘Detailed Grounds of Arrest’ में यह कहा गया है कि गोस्वामी ने अधिकारियों को बताया कि “एक साजिश रची गई थी ताकि जुबिन की मौत को एक हादसा बताया जा सके।” रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शर्मा का व्यवहार घटना के बाद से संदिग्ध रहा।

गोस्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि शर्मा ने उसे स्पष्ट निर्देश दिए थे कि यॉट पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो किसी को भी साझा न किए जाएं।

जुबिन गर्ग की मौत और उठते सवाल

52 वर्षीय गायक जुबिन गर्ग की मृत्यु 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय हुई थी। जुबिन की अंतिम यात्रा पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुवाहाटी के पास कामारकुची में संपन्न हुई। सार्वजनिक मांग और संदेहों के बीच जुबिन के पार्थिव शरीर का दोबारा पोस्टमार्टम भी कराया गया ताकि किसी भी साजिश की पुष्टि की जा सके।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए असम सरकार ने नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जो इस हाई-प्रोफाइल केस की हर पहलू से जांच कर रही है।

जनता में आक्रोश, न्याय की मांग

जुबिन गर्ग की रहस्यमयी मौत के बाद पूरे असम और देशभर में शोक और आक्रोश की लहर है। उनके प्रशंसक और आम लोग इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग कर रहे हैं। अब जब मामले में गिरफ्तारियों का सिलसिला तेज़ हुआ है और साजिश के सुराग सामने आने लगे हैं, उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सच सामने आएगा और गायक को न्याय मिलेगा।

Karwa Chauth 2025: कैसे करवा चौथ का नाम पड़ा करवा, जानें करवा माता की पूजा विधि और व्रत का महत्व?

Karwa Chauth 2025: कैसे करवा चौथ का नाम पड़ा करवा, जानें करवा माता की पूजा विधि और व्रत का महत्व?
Karwa Chauth 2025: कैसे करवा चौथ का नाम पड़ा करवा, जानें करवा माता की पूजा विधि और व्रत का महत्व?

करवा चौथ 2025 का पर्व शुक्रवार, 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ 2025 की तिथि और समय:

  • व्रत प्रारंभ: 10 अक्टूबर, 2025 को सूर्योदय से पहले सरगी का सेवन करना आवश्यक है।
  • व्रत समाप्ति: चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद, व्रत खोलना होता है।
  • चंद्रोदय समय: नई दिल्ली में चंद्रमा का उदय 8:13 बजे होगा। अन्य प्रमुख शहरों में चंद्रमा का उदय समय इस प्रकार है:
    • मुंबई: 8:20 बजे
    • कोलकाता: 7:45 बजे
    • चेन्नई: 7:30 बजे

पूजा विधि और शुभ मुहूर्त:

  • पूजा मुहूर्त: शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक।
  • पूजा विधि: महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और सोलह श्रृंगार करके शिव, पार्वती, करवा माता, गणेश तथा चंद्रमा की पूजा करती हैं। इस अवसर पर महिलाएं व्रत के सभी नियमों का सख्ती से पालन करती हैं और करवा माता से अपने पति और परिवार की समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

करवा चौथ का महत्व:

करवा चौथ का पर्व पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने और आपसी प्रेम और विश्वास को बढ़ाने का प्रतीक है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं।

इस दिन महिलाएं अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ मिलकर पूजा करती हैं और एक-दूसरे को करवा चौथ की शुभकामनाएं देती हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

इस वर्ष करवा चौथ के अवसर पर महिलाएं विशेष रूप से सोलह श्रृंगार करके और चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करेंगी। यह पर्व उनके जीवन में सुख, समृद्धि और पति की लंबी उम्र की कामना लेकर आए।

करवा चौथ का यह पर्व सभी सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है और उनके जीवन में प्रेम और समृद्धि की कामना करता है।

करवा चौथ नाम का अर्थ

‘करवाचौथ’ शब्द ‘करवा’ अर्थात मिट्टी का बर्तन और ‘चौथ’ अर्थात चतुर्थी तिथि से मिलकर बना है। इस दिन मिट्टी के करवे का विशेष महत्व होता है। महिलाएं पूरे वर्ष इस पर्व की प्रतीक्षा करती हैं और इसकी सभी रस्मों को श्रद्धा से निभाती हैं। यह पर्व पति-पत्नी के प्रेम और विश्वास को और मजबूत करने वाला माना जाता है।

सुप्रीम कोर्ट में CJI BR Gavai पर जूता फेंकने वाले वकील Rakesh Kishore ने दिया इंटरव्यू, कहा “मुझे जूता फेंकने का कोई अफसोस नहीं”

सुप्रीम कोर्ट में CJI BR Gavai पर जूता फेंकने वाले वकील Rakesh Kishore ने दिया इंटरव्यू, कहा
सुप्रीम कोर्ट में CJI BR Gavai पर जूता फेंकने वाले वकील Rakesh Kishore ने दिया इंटरव्यू, कहा "मुझे जूता फेंकने का कोई अफसोस नहीं"

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अप्रत्याशित घटना सामने आई जब वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया। हालांकि, कोर्टरूम में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।

72 वर्षीय राकेश किशोर ने अपनी इस हरकत पर कोई पछतावा जाहिर नहीं किया और कहा कि वे जेल जाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जेल जाना उनके लिए बेहतर होगा। किशोर ने यह भी कहा कि उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। उनका परिवार इस घटना से नाराज है और वे समझ नहीं पा रहे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।

घटना का विवरण

यह घटना सुप्रीम कोर्ट के कोर्टरूम 1 में सुबह लगभग 11:35 बजे सुनवाई के दौरान हुई। अचानक किशोर ने अपना जूता उतारकर चीफ जस्टिस बीआर गवई की ओर फेंकने का प्रयास किया। लेकिन सुरक्षाकर्मी समय रहते उनकी इस कोशिश को नाकाम कर उन्हें कोर्टरूम से बाहर निकाल लिया।

जब अदालत के अधिकारियों ने इस मामले में CJI से दिशा-निर्देश मांगे, तो उन्होंने मामले को नजरअंदाज करने और किशोर को चेतावनी देकर छोड़ने की बात कही। वहीं दिल्ली पुलिस ने बताया कि राकेश किशोर के पास कोर्ट में प्रवेश के वैध दस्तावेज थे। उनके पास बार काउंसिल ऑफ इंडिया का कार्ड और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अस्थायी सदस्यता भी मौजूद थी।

राकेश किशोर कौन हैं?

राकेश किशोर पेशे से वकील हैं और उनकी उम्र लगभग 72 वर्ष बताई जा रही है। वे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के रजिस्टर्ड सदस्य हैं और दिल्ली के मयूर विहार इलाके में रहते हैं। उन्होंने 2009 में दिल्ली बार काउंसिल में नामांकन कराया था।

उनके पास सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, शाहदरा बार एसोसिएशन और दिल्ली बार काउंसिल की सदस्यता कार्ड हैं। वरिष्ठ अधिवक्ताओं में उनकी दीर्घकालिक सदस्यता के कारण कानूनी बिरादरी में उनका नाम जाना जाता है।

यह घटना सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था और वकीलों के बीच तनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बनी हुई है।